बांसवाड़ा : सिद्ध तपोभूमि लालीवाव मठ में ‘नानी बाई रो मायरो’ की तीन दिवसीय कथा बुधवार शाम सम्पन्न हो गई।
इसके समापन अवसर पर लालीवाव मठ के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने कथा व्यास पं. गणेश महाराज का अभिनन्दन किया। विभिन्न धार्मिक आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी कथावाचक का अभिनंदन किया।
कथा में बही श्रृद्धा धाराएं
महोत्सव के अन्तर्गत ‘नानी बाई रो मायरो’ कथा का श्रवण कराते हुए प्रसिद्ध कथावाचक पं. गणेश महाराज ने मायरो के विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रृद्धा और आस्था की सरिताएं बहा दीं। इस दौरान् बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों ने कथा श्रवण करते हुए भजन-कीर्तनों और नृत्यों से भक्तिधाराओं के रंग-रस प्रवाहित कर मुग्ध कर दिया।
निष्काम भक्ति को अंगीकार करें
कथा समापन अवसर पर अपने प्रवचन में महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने भक्ति की अपार महिमा और भगवान की कृपा से संबंधित प्रसंग सुनाते हुए अनन्य भाव से श्रृद्धा भक्तिपूर्वक भगवान के स्मरण और भजन में जुटने का आह्वान किया।
उन्होंने हर प्रकार की घटना को भगवान की लीला का भाव मानते हुए सम्पूर्ण समर्पण के साथ भक्ति का आश्रय पाने और शास्त्रोक्त संस्कारों, मूल्यों, सदाचार एवं परोपकार को जीवन में समावेशित करने पर जोर दिया। कथा समापन पर सामूहिक आरती में श्रृद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
कन्या पूजन एवं भोज हुआ
महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को मठ परिसर में कन्या पूजन एवं कन्या भोज के आयोजन हुए। इनमें बड़ी संख्या में कन्याओं का पूजन किया गया तथा इसके उपरान्त भोज कराया गया।