उदयपुर, विश्व पर्यटन दिवस 2025 “पर्यटन और सतत् रूपांतरण” को साकार करते हुए महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा संचालित सिटी पैलेस म्यूजियम में पर्यटकों के लिए वर्कशोप आयोजित की गई। इस वैश्विक उत्सव पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “पर्यटन और सतत् रूपांतरण” विषय इस तथ्य को रेखांकित करता है कि पर्यटन सकारात्मक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिवर्तन का उत्प्रेरक है।
विश्व पर्यटन के इस त्योहार का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को पारंपरिक हस्त शिल्पियों के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया ताकि मेवाड़ की इस जीवंत कला विरासत को आगे बढ़ाया जा सके और इस प्राचीन विद्या को संरक्षण मिल सके। वस्त्रों का पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण सेे कुछ नया और सार्थक रचा जा सके। यहां आने वाले पर्यटक आनंद के साथ इस कला-ज्ञान को अपने साथ ले जा सके, जो मेवाड़ की जीवंत विरासत की एक झलक है।
फाउण्डेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा आयोजित वर्कशोप का उद्देश्य विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘पर्यटन और सतत रूपांतरण’ को रचनात्मक माध्यम से प्रस्तुत करना था। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को स्थानीय शिल्पकार द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया, जिसमें उन्होंने पुराने वस्त्रों और फैब्रिक स्क्रैप से रंग-बिरंगे पारंपरिक घोड़े बनाए। कार्यशाला का यह अनुभव न केवल शिल्प की समझ को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि सततता के प्रति जागरूकता का एक प्रभावशाली माध्यम भी बना। हस्तनिर्मित घोड़े विशेष स्मृति चिह्न तो बने ही, साथ ही स्थायित्व, कला और संस्कृति के प्रतीक भी।
फाउण्डेशन की यह पहल न केवल मेवाड़ की शिल्पकला के आकर्षण को पुनर्जीवित करती है, बल्कि उसे आधुनिक और पर्यावरण-सचेत दृष्टिकोण भी प्रदान करती है। प्राचीन विरासत, कला एवं संस्कृति के सम्मान और उनके संरक्षण के उद्देश्य से फाउण्डेशन आगंतुकों एवं विद्यार्थियों के लिए वर्ष में ऐसे कई आयोजन आयोजित करता है।