*उदयपुर, रंगों, पत्तों और फूलों की महक से महकते हरे-भरे वातावरण में शनिवार को आर्ट जंक्शन रेजीडेंसी, बड़ंगा में लिथुआनिया की ख्यातनाम कलाकार ज़िद्रिजा जानुशाइते की एक अनोखी और प्रेरणादायी कला कार्यशाला “टचिंग द फ्लावर” आयोजित हुई। यह रचनात्मक सत्र न केवल कला-प्रेमियों बल्कि गाँव के बच्चों और शहर से आए प्रतिभागियों के लिए भी कल्पना और प्रकृति के संग संवाद का अनूठा अवसर बना।
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों ने मोनोटाइप प्रिंटिंग तकनीक का अनुभव किया, जिसमें पत्तियों, फूलों, रंगों और रेखाओं का जादुई मेल दिखाई दिया। हर प्रिंट अपनी तरह का एकमात्र और अद्वितीय था – सचमुच “एक स्पर्श की कला”। प्रतिभागियों ने पत्तों और फूलों के साथ कोलाज और प्रिंट बनाने, फूल और फूलदान से प्रेरित रचनाएँ तैयार करने तथा रंगों के खेल को नए अंदाज़ में समझने का अवसर पाया।
*हर प्रिंट अपनी कहानी खुद कहता है :*
कार्यशाला की खासियत यह रही कि सभी कला-सामग्री यहीं उपलब्ध कराई गईं, जिससे सभी प्रतिभागी केवल अपनी रचनात्मकता और आनंद में डूब सके। वातावरण में फैले रंगों और फूलों की खुशबू ने हर एक प्रतिभागी की कल्पना को उड़ान दी। कलाकार ज़िद्रिजा जानुशाइते ने कहा – “यह एक स्पर्श की कला है, जहाँ हर प्रिंट अपनी कहानी खुद कहता है।”
आर्ट जंक्शन के निदेशक चिमन डांगी ने बताया कि इस कार्यशाला की सफलता को देखते हुए रविवार को भी सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें नए प्रतिभागियों को जुड़ने का अवसर मिलेगा।
यह आयोजन लिथुआनियन कल्चरल काउंसिल (Lietuvos Kultūros Taryba) और आर्ट जंक्शन रेजीडेंसी के सहयोग से सम्पन्न हुआ। सत्र के अंत में प्रतिभागी अपनी बनाई हुई रंगीन और प्रकृति-प्रेरित कलाकृतियाँ अपने साथ लेकर गए, जो इस यादगार दिन की खूबसूरत निशानी बन गईं।