उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर समितियां गठित
सभी जिला अधिकारी भी करेंगे राजकीय भवना,ें सड़कों व पुलियों का निरीक्षण
5 अगस्त तक मांगी रिपोर्ट
उदयपुर, झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के बाद मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में जिला कलक्टर एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष नमित मेहता के नेतृत्व में उदयपुर जिले में विशेष मुहिम प्रारंभ की जा रही है। इसके तहत जिले भर में स्कूल, आंगनवाड़ी सहित हर राजकीय भवन की सेहत जांची जाएगी। इसके लिए उपखण्ड एवं ग्राम पंचायत वार समितियां गठित की हैं। इन समितियों में तकनीकी कार्मिकों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा जिले के सभी विभागीय अधिकारियों को भी अपने-अपने अधीन कार्यालय भवनों सहित जिले के सभी राजकीय भवनों, स्कूल, आंगनवाडी, अस्पतालों, सड़कों व पुलिया, बिजली खंबों आदि का निरीक्षण कर 5 अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि झालावाड़ में हुए हादसे के बाद 25 जुलाई को माननीय मुख्यमंत्री जी ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से बैठक लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किए थे। निर्देशों की अनुपालना में उदयपुर जिले में विशेष अभियान चलाकर आगामी एक सप्ताह के दरम्यान जिले भर में विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों, अस्पतालों सहित अन्य सभी राजकीय भवनों, सड़कों, पुलियाओं, विद्युत लाइन व खंबों आदि का निरीक्षण किया जाएगा।
जिला अधिकारी को यह दिए निर्देश
जिला कलक्टर श्री मेहता ने एक आदेश जारी कर जिले के सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को राज्य सरकार एवं आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग राजस्थान जयपुर के निर्देशानुसार वर्षा ऋतु में संभावित प्राकृतिक आपदाओं से जनधन की हानि को राकने के लिए कार्यवाही कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें जिले के अर्न्तगत समस्त सरकारी भवनों, विद्यालयों, छात्रावासों, स्वास्थ्य केन्द्रों, बिजली व्यवस्थाओं, सड़कों तथा पुलियांओं तथा जर्जर क्षतिग्रस्त भवनों का निरीक्षण कर सुरक्षा की दृष्टि से स्थिति का आंकलन करने, निरीक्षण उपरान्त निर्धारित प्रारूप में 5 अगस्त 2025 तक प्रेषित करने, चिन्हित जर्जर/क्षतिग्रस्त भवनों पर सूचना पट्ट लगवाते हुए उनके उपयोग पर तत्काल रोक लगाने, जिन भवनों में अतिवृष्टि से जल भराव, गिरे हुए पेड़, ढीले बिजली के तार, क्षतिग्रस्त खिड़कीयां दरवाजे आदि हैं, उनकी मरम्मत कार्य प्राथमिकता से कराने, भवनों के चारों ओर जल निकासी की समुचित व्यवस्था करने, गन्दगी व कचरा हटाकर परिसर को स्वच्छ एवं सुरक्षित बनाने, अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त भवनों के मरम्मत के प्रस्ताव मय तख्मीना तैयार कर प्रस्ताव राज्य आपदा राहत कोष से स्वीकृति हेतु जिला आपदा प्राधिकरण को भिजवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित कर ढीले बिजली के तारों, ट्रांसफार्मरों, जर्जर विद्युत पोलो आदि की मरम्मत कराने व दुघर्टना से बचाव के लिए चेतावनी पट्ट लगाने, दुर्घटना संभावित समस्त स्थलों की निगरानी कर आपदा के समय त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित
इसके अलावा उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में उपखण्ड स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गयाहै। उक्त कमेटी असुरक्षित भवनों, क्षतिग्रस्त सडक, एवं असुरक्षित पुलों की सुरक्षा अंकेक्षण रिपोर्ट तैयार करेगी। वर्षाकाल में भवनों के क्षतिग्रस्त होने, बिजली करंट, बाढ़ में डूबने, क्षतिग्रस्त सडकों, रपट, पुलियाओं एवं जलभराव इत्यादि के कारण हाने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समीक्षा कर आवश्यक निर्देश जारी कर तत्काल अनुपालना करवाएगी । जर्जर भवनों एवं संरचनाओं को असुरक्षित घोषित कर ध्वस्तीकरण करना सुनिश्चित करेगी। कमेटी में संबंधित उपखण्ड क्षेत्र के सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा तहसीलदार, विकास अधिकारी, नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी, बीसीएमओ, सीबीईओ तथा विद्युत निगम एवं जलसंसाधन विभाग के सहायक अभियंता सदस्य रहेंगे।
ग्राम पंचायत वार कमेटी बनाई
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष व कलक्टर श्री नमित मेहता ने ग्राम पंचायत स्तर पर भी कमेटी गठित की है। इसमें प्रत्येक ब्लॉक में 4-5 ग्राम पंचायतों का कलस्टर बनाकर उसमें एक कनिष्ठ अभियंता, एक कनिष्ठ तकनीकी सहायक तथा भू अभिलेख निरीक्षक को शामिल किया है। इसके अलावा कलस्टर में शामिल प्रत्येक ग्राम पंचायत के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी-पीईईओ को भी सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी आपसी समन्वय स्थापित कर पांच दिवस में उनको आवंटित पंचायतों का दौरा कर ग्राम पंचायत के समस्त गांवों में स्थित शैक्षणिक संस्थाओं एवं आंगनवाड़ी केंद्रों की सुरक्षा की दृष्टि से भौतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट संबंधित उपखण्ड अधिकारी के माध्यम से जिला कलक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करेंगी। संबंधित पी.ई.ई.ओ. समिति के समन्वयक होंगे, जो निरीक्षण दल से समन्वय कर स्वयं की उपस्थिति में निरीक्षण करवाकर रिपोर्ट पर्यवेक्षण अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। निरीक्षण दल संस्थाओं के संबंध में असुरक्षित कमरों/भवनों को चिन्हित कर सील करना तथा बच्चों को निकटवर्ती अन्य स्कूल या सरकारी भवन में स्थानांतरित करना, भवन की छत व सिलिंग, विद्युत तार, चार दिवारी, पानी निकासी व्यवस्था एवं पेयजल भण्डारण टैंक आदि का सुरक्षा की दृष्टि से विशेष निरीक्षण करेगा। इसके अलावा संस्था प्रधान को प्रतिदिन सुरक्षा की दृष्टि से भवन एवं परिसर का विशेष निरीक्षण करने के लिए निर्देशित करने, अतिभारी वर्षा की स्थिति में स्कूल को बंद रखने के लिए निर्देशित करने का दायित्व भी कमेटी का रहेगा।