उदयपुर मौखिक अभिव्यक्तिपरक प्रतियोगिताओं की ओर विद्यार्थियों का घटता रूझान चिन्ता का विशय है। अभिव्यक्ति की दक्षता आज की महती आवष्यकता है। उक्त विचार भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रेम सिंह रावलोत ने हिन्दी ,अंग्रेजी एवं सस्कृत विभाग द्वारा आयोजित आषुभाशण प्रतियोगिता व वाद विवाद प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थियों को अपने जीवन में सफल होने के लिए ऐसी गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेना चाहिए।
डॉ. माधवी राठौड ने बताया कि वाद विवाद प्रतियोगिता के अन्तर्गत प्रतिभागियों ने अपने तर्कों से पक्ष व विपक्ष में क्या स्वच्छता के लिए सरकार ही जिम्मेदार है विशय पर अंग्रेजी में अपने विचारों को रखा और इस बात को सोचने के लिए विवष किया कि स्वच्छता क्या व्यक्ति का दायित्व है या सरकार का।
हिन्दी आषुभाशण प्रतियोगिता के अन्तर्गत प्रतिभागियों ने सामयिक विशयों जैसे नोटबंदी, पर्यावरण, स्वच्छ भारत अभियान, भारतीय संस्कृति, मेरा गांव , सेल्फी आदि विशयों पर तात्कालिक भाशण प्रस्तुत किये।
डॉ. पंकज मरमट ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हए इस प्रकार की प्रतियोगिताओं के आयोजन के उद्देष्य पर प्रकाष डाला और बताया कि १७ सितम्बर को संस्कृत ष्लोक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर डॉ. अपर्णा षर्मा, डॉ. हुसैनी बोहरा आदि संकाय सदस्य उपस्थित थे ।
निर्णायक के रूप में डॉ.डिंपल गौड., षुभि धाकड, सुरभि सिंह थे। कार्यक्रम का संचालन भाग्यश्री ने किया।
Source :