भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जयपुर यात्रा नेकई राजनीतिक सन्देश दिए है। उन्होंने सबसे बड़ा सन्देश यह दिया कि राजस्थानमें दिसंबर 2023 में होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा घोषित नहीं कियाजायेगा, वरन यें चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़े जायेंगे।दूसरा बड़ासंदेश अब तक एक किनारे दिख रहीं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्वमुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को मंच पर प्रमुख स्थान देना और जन प्रतिनिधि सम्मेलन मेंउन्हें शाह से पहलें बोलने का अवसर देना रहा जबकि विधानसभा में प्रतिपक्ष केनेता गुलाब चन्द कटारिया को
यह अवसर नहीं दिया गया। आयोजन स्थल के मंच पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंहशेखावत ,राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,कैलाश चौधरी और अन्य नेता भी मौजूदथे लेकिन वसुन्धरा राजे को महत्व देते हुए शाह के निकट बैठाया गया। तीसरा बड़ासन्देश शाह द्वारा राजस्थान के पुराने भाजपा नेताओं की सेवाओं को बहुत आदर केसाथ स्मरण करना और यह कहना रहा कि गुजरात से पहले राजस्थान में भाजपासत्ता की सीढ़ी चढ़ी एवं दो बार अपने बलबूते पर प्रचण्ड बहुमत हासिल किया तथालोकसभा की सभी पच्चीस सीटें भी जीत कर इतिहास बनाया।इसलिए शूरवीरोंकी धरती राजस्थान से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।साथ ही उन्होंने कहा कि कोईएक व्यक्ति संगठन नहीं है, वरन संगठन सर्वोपरी है। इस बात को सभी को समझलेना होगा। शाह प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह एवं अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियाँ कोवरीयता देना नहीं भूलें और उन्हें हवाई अड्डे से आयोजन स्थल तक लेकर गए।
मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा चुनाव
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि राजस्थान में भी पहले किसी को मुख्यमंत्रीप्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही विधानसभाचुनाव लड़ा जाएगा। सभी एकजुट होकर तैयारियां शुरू करें। अमित शाह ने कहाकि हमें जातिवाद से दूर रहकर हर जाति तक पहुंचना है। भाजपा को हर बूथ तकमजबूत करना है। एकजुट होकर नेता और कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करने में लगेंतभी सफलता मिलेगी ।
कार्यकर्ताओं से अभी से कमर कसने का आह्वान
भाजपा कार्यसमिति तथा भाजपा के प्रदेश भर से जुटे कार्यकर्ताओं को संबोधितकरते हुए अमित शाह ने प्रदेश भाजपा का 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए अभीसे कमर कसने का आह्वान किया।
शाह ने कहा कि 2023 के चुनाव में अशोक गहलोत सरकार को उखाड़कर फेंक दोतिहाई बहुमत से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनानी है। उन्होंने गहलोत सरकारको निकम्मी और भ्रष्टाचारी कहा। साथ ही गहलोत को नसीहत दी कि वे उत्तरप्रदेश और गुजरात जाना बंद करें, यदि चाहें तो 2022 में उप्र के साथ अपने यहां भीचुनाव करा लें, उन्हें हकीकत पता चल जाएगी। भाजपा द्वारा गहलोत सरकार कोअस्थिर करने के आरोप का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भाजपा गहलोतसरकार को गिरा कर सरकार नहीं बनाएगी।
पुराने नेताओं का स्मरण
इससे पहले कार्यसमिति की बैठक में अमित शाह ने
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के साथ पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्णआडवाणी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि भैरोसिंह शेखावत ही थे, जिनकेकारण गुजरात से पहले राजस्थान में 1977 में ही भाजपा की सरकार बन गई थी।शाह ने आडवाणी की रामरथ यात्रा का भी जिक्र किया। शाह ने अपने भाषण मेंसांसद ओम प्रकाश माथुर की तीन बार तारीफ की। उन्होंने माथुर को पार्टी काशिल्पकार बताया। शाह ने कहा कि कई राज्यों में माथुर को सरकार बदलने कीरणनीति का अनुभव है।उन्होंने कहा कि ओम माथुर कई राज्यों में प्रभारी रहे हैं, इन्हेंराजनीति का लम्बा अनुभव है।
राजस्थान सीएम को तिजोरी बहुत पसंद है
गृहमंत्री ने पेट्रेाल-डीजल की सबसे ज्यादा कीमत राजस्थान में होने की बात काउल्लेख करते हुए कहा कि मोदी जी ने पूरे देश में पेट्रोल एवं डीजल के टैक्स घटाए, लेकिन राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां के सीएम को तिजोरी बहुत पसंद है। मैंगहलोत जी से विनती करता हूं कि पेट्रोल के दाम घटा दो, वरना जनता राह देखरही है। गहलोत सरकार गरीबों को किसी तरह की सुविधा नहीं दे रही है। उन्होंनेवसुंधरा सरकार के कई कल्याणकारी योजनाओं को तोड़-मरोड़ दिया है। आजराजस्थान में हर व्यक्ति के ऊपर 65 हजार रुपए का कर्ज है।
कांग्रेस ने गरीबी नहीं, गरीब को हटाने का काम किया
शाह ने राहुल गांधी पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कोई काम करतेहों या न करते हों, कम से कम ट्वीट तो करते ही हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुएउन्होंने कहा कि सत्तर के दशक में इन्होंने गरीबी हटाओ का नारा दिया था, जबमोदी जी आए तब भी करोड़ों घरों में बिजली नहीं थी, चूल्हा जलता नहीं था, शौचालय की व्यवस्था नहीं थी। वे सुन लें कि कांग्रेस ने गरीबी हटाने का नहीं, गरीबही हटाने का काम किया।
वसुन्धरा राजे ने भरी हूंकार
अमित शाह के सामने वसुन्धरा राजे ने भी रविवार को जयपुर में आयोजितजनप्रतिनिधि सम्मेलन में ज़बर्दस्त हूंकार भरी।उन्होंने बहुत ही आत्म विश्वास भरेंशब्दों में कहा कि जनता राजस्थान सरकार बदलने को तैयार बैठी है, 2023 दूर नहींहै।
राजे ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जमकर तारीफकी।उन्होंने अमित शाह को कई बार भाई साहब कहकर संबोधित किया और मोदीसरकार के कामकाज की जमकर तारीफ की।इससे पूर्व उन्होंने सम्मेलन में अमितशाह का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद वसुंधरा ने कहा कि ये मेरासौभाग्य है कि मुझे गृह मंत्री का स्वागत करने का मौका मिला।
वसुंधरा ने कहा कि गहलोत सरकार अदृश्य सी है। कानून व्यवस्था और सरकारदोनों गायब है। तीन साल हो गए, गहलोत अपनी सरकार बचाने में ही लगे हैं।सरकार कभी गिर रही है, कभी खड़ी हो रही है। अभी कैबिनेट रिशफ़ल हुआ उसमेंभी यह देखा गया कि कोई इधर उधर जाने वाला तो नहीं है।उन्होंने कहा कि गहलोतसरकार ने बीजेपी राज की योजनाओं को या तो बंद कर दिया अथवा उनका नामबदल दिया है । अन्नपूर्णा योजना को बंद कर दिया। अन्नपूर्णा रसोई को बंद तोनहीं किया लेकिन उसका नाम इंदिरा गांधी के नाम से कर दिया। नाम बदल दो वहभी कोई बात नहीं लेकिन उसमे कैसा घटिया खाना दे रहे हैं।
शाह को प्रदेश भाजपा ने नहीं बताई सच्चाई, जानबूझकर लोगों को गुमराह कररहें : गहलोत
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बयान पर पलटवार किया है ।
गहलोत ने बयान जारी करते हुए कहा कि शाह यहां आकर अनर्गल बातें कर रहे हैं। लगता है प्रदेश भाजपा नेउन्हें सच्चाई से अवगत नहीं करवाया या उन्हें सही जानकारी देने की हिम्मत नहीं की है या जानबूझकर प्रदेशकी जनता को भ्रमित और गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार गिरानेके आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया।
गहलोत ने कहा कि कोविड के दौरान राज्य सरकार ने 33 लाख परिवारों में प्रत्येक को 5500 रुपए कीसहायता दी, जिस पर 1866 करोड़ का भार सरकार ने उठाया। अनाथ बच्चों को एक लाख रुपए तत्काल एवं18 वर्ष का होने पर पांच लाख की सहायता, 18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपए पेंशन, 2000 रु. प्रति वर्ष स्कूलड्रेस एवं किताबों के लिए दिए हैं।
विधवा महिलाओं को एक लाख रु. तत्काल एवं 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन औरउनके बच्चों को 1000 रु. प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। विशेष पैकेज में 167 अनाथ बच्चों, 8049 विधवा महिलाओं एवं 5485 विधवामहिलाओं के बच्चों को सहायता जारी की गई है।
गहलोत ने कहा है कि पीएम केयर वाले वेंटीलेटर्स का मुद्दा उठाने की बजाय शाह को यह जवाब देना चाहिएथा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले यह खराब वेंटीलेटर केन्द्र सरकार ने किससे खरीदे। उन्होंनेकहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों ने इन वेंटीलेटर्स के खराब होने कीशिकायत की।
गहलोत ने कहा कि 29 जनवरी को 2 प्रतिशत वैट करने से 1000 करोड़, केन्द्र द्वारा 2 नवंबर को एक्साइजड्यूटी कम करने से 1800 करोड़ और 6 नवंबर को डीजल पर 5 रुपए एवं पेट्रोल पर 4 रुपए वैट कम करने सेसरकार को 3500 करोड़ रुपए यानी अब तक 6300 करोड़ का राजस्व कम हुआ है। फिर भी हमारी मांग है किकेन्द्र सरकार पेट्रोल के दाम 10 रुपए एवं डीजल के दाम 15 रुपए कम करे।
सीएम गहलोत ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट को लेकर शाह ने झूठ बोला। उन्हें केन्द्र सरकार में सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के सभी राज्यों की बैठक में राजस्थान सरकार द्वारा 51 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर की गईसराहना को सुनना चाहिए और सच्चाई को उजागर करना चाहिए जो नहीं किया गया।
अमित शाह घमंड में है-गोविंद डोटासरा
इसी प्रकार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा हैं कि केंद्रीय गृहमंत्रीअमित शाह घमंड में है। शाह केवल केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावतको प्रिय मानते हैं,बाक़ी नेताओं को कुछ नहीं मानते है।इसी कारण रविवार कोभाजपा के जन प्रतिनिधि सम्मेलनमें प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया का तोसम्बोधन तक नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया तोमजदूरी कर रहे हैं।डोटासरा ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी पर शाह अपनेभाषण में एक शब्द भी नहीं बोले जबकि महंगाई से आम आदमी का जीना मुश्किलहो गया है।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने पेट्रोल डीजल से वैट घटाया है और जनता कोराहत दी हैं,जबकि पीएम मोदी सरकार तो गहलोत सरकार के साथ सौतेलाव्यवहार कर रही हैं। भाजपा सिर्फ मंदिर-मस्जिद पर राजनीति करती है। महंगाई सेआम आदमी का जीना मुश्किल हो गया।
डोटासरा ने बताया कि 12 दिसंबर को कांग्रेस जयपुर में महंगाई हटाओ राष्ट्रीय रैलीआयोजित कर रही है। रैली सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में होगी।
डोटासरा ने कहा कि भाजपा नेता केवल वादे करते है और जुमले बोलते है। राहुलगांधी एक निडर नेता है। उन्होंने कहा कि महंगाई हटाओ रैली की तैयारियों कोलेकर प्रभारी मंत्री अपने अपने जिलों में पहुंच गए है और वे विधायकों और अन्यपदाधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे है ताकि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं कोमहंगाई हटाओ रैली में लाया जा सके।
गुटबाजी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी-अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली जाते-जाते राजस्थान भाजपा नेताओं को दो टूक कह गए कि गुटबाजी को किसीभी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने नेताओं से कहा कि वे एकजुटता से पार्टी फोरम पर काम करों।शाह ने 1952 के जमीदारी प्रथा उन्मूलन के समय का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी के रहने या ना रहने सेपार्टी पर कोई असर नहीं पडऩे वाला। सिद्धांतों से किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जाएगा।
गृहमंत्री ने प्रदेश भाजपा कौर कमेटी के सदस्यों पर चाय पर चर्चा करते हुए कहा कि 1952 में आठ में से 6 विधायक जमीदारी प्रथा उन्मूलन के खिलाफ पार्टी छोड़ गए थे तब भी कोई असर नहीं पड़ा। तब दीनदयाल जीने साफ कहा था कि एक विधायक भी नहीं रहे तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता पर पार्टी अपने सिद्धांतों से किसीभी सूरत में समझौता नहीं करेगी। उस समय छह विधायको आरएस दिलीप सिंह, केशरीसिंह, लालसिंहशक्तावत, प्रतापसिंह, संग्राम सिंह व विजयसिंह के पार्टी का साथ छोड़ देने के कारण पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंहशेखावत (दांता रामगढ़,जयपुर ) और एक अन्य सदस्य जगतसिंह झाला (बड़ी सादड़ी़,चित्तौड़गढ़) ही जनसंघमें रह गए थे। शाह का इशारा प्रदेश भाजपा में गुटबाजी को लेकर था।
शाह ने प्रदेश संगठन के कामकाज की सराहना करते हुए इस बात को दोहराया कि 2023 में विधानसभा काचुनाव नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।