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पुष्य नक्षत्र पर 100 से अधिक बच्चों ने किया इम्यूनिटी बूस्टर स्वर्ण प्राशन का सेवन

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16 Oct 25
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पुष्य नक्षत्र पर 100 से अधिक बच्चों ने किया इम्यूनिटी बूस्टर स्वर्ण प्राशन का सेवन

डॉ. शोभालाल औदीच्य के निर्देशन में हुआ स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर 

उदयपुर। राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय, सिन्धी बाजार उदयपुर में मंगलवार को इम्यूनिटी बूस्टर स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर का आयोजन वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। शिविर में शहर एवं आसपास क्षेत्र के 100 से अधिक बच्चों ने स्वर्ण प्राशन संस्कार के अंतर्गत इम्यूनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधि का सेवन किया।

शिविर का उद्देश्य बच्चों की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करना और उनके शारीरिक व मानसिक विकास को प्रोत्साहित करना रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ। उपस्थित अभिभावकों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और स्वर्ण प्राशन संस्कार की महत्ता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

डॉ. शोभालाल औदीच्य ने बताया कि स्वर्ण प्राशन संस्कार का उल्लेख आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ कश्यप संहिता में किया गया है। यह एक ऐसी दिव्य औषधि है जो बच्चों की बुद्धि, स्मरण शक्ति, पाचन क्रिया और रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों में बार-बार सर्दी-जुकाम, खाँसी, कमजोरी और ध्यान की कमी जैसी समस्याएँ आम हो गई हैं, जिनके समाधान के लिए स्वर्ण प्राशन एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है।

उन्होंने बताया कि स्वर्ण प्राशन संस्कार पुष्य नक्षत्र के दिन कराना विशेष रूप से लाभकारी माना गया है, क्योंकि इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति औषधि के प्रभाव को और अधिक शक्तिशाली बना देती है। शिविर में प्रयुक्त औषधि शुद्ध देसी गाय के घी, मधु और स्वर्ण भस्म से पारंपरिक विधि से तैयार की गई थी।

डॉ. औदीच्य ने बताया कि स्वर्ण प्राशन न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, बल्कि यह बच्चों की एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक संतुलन में भी उल्लेखनीय सुधार करता है। यह एक प्रकार से प्राकृतिक टीकाकरण है, जो शरीर को रोगों से बचाने की शक्ति देता है।

शिविर के दौरान प्रत्येक बच्चे की सामान्य स्वास्थ्य जाँच की गई और अभिभावकों को उचित आहार-विहार एवं ऋतुचर्या के पालन की सलाह दी गई। कार्यक्रम में कंपाउंडर कंचन कुमार डामोर सुरेन्द्र कुमार रैगर त्रिलोचना अहारी गजेंद्र आमेटा ने सहयोग प्रदान किया।

कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की और बच्चों के नियमित स्वर्ण प्राशन के प्रति उत्साह व्यक्त किया।
 


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