GMCH STORIES

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की मासिक रंगशाला में बिखरा गाइड वंस अगेन का जादू

( Read 3967 Times)

06 Oct 25
Share |
Print This Page

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की मासिक रंगशाला में बिखरा गाइड वंस अगेन का जादू

उदयपुर के गाइड और रूसी लड़की के निश्छल प्रेम की कहानी ने बांधे रखा  दर्शकों को

झील संरक्षणदेशप्रेम और जन्मभूमि के प्रति समर्पण का दिया संदेश

 उदयपुरपश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ के अंतर्गत रविवार को ‘गाइड वन्स अगेन’ नाटक का मंचन किया गया।

पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फ़ुरकान खान ने बताया की प्रति माह आयोजित होने वाली मासिक नाट्य संध्या रंगशाला के अंतर्गत मॉलिक आर्गेनाईजेशन परफॉर्मिंग आर्ट्स की ओर से ‘गाइड वन्स अगेन’ नाटक का मंचन शिल्पग्राम स्थित दर्पण सभागार में किया गया। 

कहानी गौरीकांत शर्मा ने लिखी और इसका नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशक शिवराज सोनवाल ने किया। “गाइड-वन्स अगेन” नाटक के मुख्य पात्र गाइड के किरदार को कुलदीप धाभाई ने अपने बेजोड़ अभिनय से जीवंत कर दिया। स्वेतलाना के किरदार को शोना मल्होत्रा ने भावों की अभिव्यक्ति के अपने हूनर से दर्शकों के दिलों पर स्थापित कर दिया। नाटक में यशस्वी श्रीवास्तवपायल मेनारियानिखिल सत्संगी (अमी)अमित व्यासमानस जैनयश कुमावतप्रवर खंडेलवालसुखदेव रावतितिक्षा आर्य, जतिन भारवानी एवं प्रद्युम्न ने विभिन्न भूमिकाओं को जीवंत किया। वस्त्र परिकल्पना रेखा शर्मा की थी वहीं संगीत डिजाइन एवं लाइव गायन दिविषा घारू और अमी का रहा। तबला पर ललित वर्मा, की बोर्ड पर विवेक सुथार, सारंगी पर कृष्णा, वायलिन पर कनिष्का वर्मा ने संगत की। गीतकाल शिबली खान तथा मेकअप व मंच सज्जा संदीप सेन की थी।

 

उदयपुर की जड़ों से जुड़ा नाटक

प्रसिद्ध फिल्म “गाइड” की अधिकांश शूटिंग उदयपुर और आसपास के क्षेत्रों में हुई थी। 1965 में प्रदर्शित इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को नया आयाम दिया और साथ ही उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिलाई। इसी पृष्ठभूमि को आधार बनाकर प्रस्तुत किया गया नाटक “गाइड – वन्स अगेन” मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा और विरासत को पुनः जीवंत करने का प्रयास रहा।

नाटक की कथा उदयपुर शहर के जगदीश चौकगणगौर घाट क्षेत्र में एक गाइड राजू और रूस से आई शोधार्थी स्वेतलाना के बीच पनपते निश्छल प्रेम पर केंद्रित रही। इसे बेहद खूबसूरत अंदाज में रंगमंच पर जीवंत किया गया। नाटक के माध्यम से जहां एक ओर उदयपुर की शान झीलों को स्वच्छ और संरक्षित रखने का महत्वपूर्ण संदेश दिया गयावहीं दूसरी ओर अपनी माटी से जुड़ाव को भी बहुत भावनात्मक रूप से अभिव्यक्ति दी गई।

 

साहित्य और रंगकर्म का संगम

यह नाट्य प्रस्तुति फिल्म “गाइड” को रंगमंचीय श्रद्धांजलि रही। इसकी कहानी साहित्यकार गौरीकान्त शर्मा ने लिखीजबकि नाट्य रूपांतरणपरिकल्पना और निर्देशन शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवराज सोनवाल ने किया। दर्शकों ने इसे एक यादगार अनुभव बतायाजिसने उन्हें उस जादुई एहसास से रूबरू कराया जिसने “गाइड” को कालजयी बनाया और उदयपुर को विश्व मानचित्र पर स्थापित किया। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से नाटक के सफल मंचन के साथ ही उदयपुर की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः पहचान दिलाने की दिशा में यह आयोजन मील का पत्थर साबित हुआ।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like