कविसम्मेलन के आयोजक महंत श्री श्याम बाबा जी ने बताया की गिरीश जी विद्रोही इस कार्यक्रम के सूत्रधार रहे एवम उनकी रचना “चरित्रहीन नेताओ मैं जिस दिन नैतिकता आएगी” ने सबका मन मोह लिया इसी के साथ गिरिराज जी गंभीर ने बताया की 4 वेद हमको क्या बताते हैं देवेंद्र सिंह राव ने अपनी कविता जमाने भर की खुशिया तेरे नाम करता हूँ सुनायी और पंडित देवेन्द्र वैष्णव ने आधे कपड़े पहनने वाली लड़की की ग़रीब कहकर आज के फूहड़पन पर करारा कटाक्ष किया महिमा दवे ने बताया की प्रेम जताने के लिए इज़हार ज़रूरी है और कमलेश जी सहज ने बताया की माँ क्या है
इसी के साथ इस कार्यक्रम मैं डॉ हेमंत जोशी महंत इंद्रदास जी, महंत नारायणदास जी, अनूप सिंह जी सांखला, दिनेश जी भट्ट, श्री निर्मल जी पंडित, प्रदीप जी कुमावत, कमलेन्द्र सिंह जी पवार, दिनेश जी शर्मा, दिनेश जी मकवाना, किशन जी सोनी, राजेंद्र सिंह जी भाटी, श्री करण बन्ना, शिव सिंह जी सोलंकी आदि अतिथि के रूप मैं मौजूद रहे एवम संत श्री पीठाधीश जगतगुरु श्री वेद पुत्र जी महाराज मुख्य अतिथि के तौर पे मौजूद रहे।