जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ द्वारा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत कुलपति प्रो कर्नल एसएस सारंगदेवोत के निर्देशन में कौशल विकास से संबंधित कई पाठ्यक्रम विगत वर्षों में आरंभ किए गए l इन पाठ्यक्रमों से विद्यार्थी लाभान्वित होने लगे हैं। यह संस्कृत विभाग के सहयोग से संचालित एक्यूप्रेशर रिफ्लेक्सोलॉजी डिप्लोमा कोर्स के विद्यार्थी एक्यूप्रेशर उपचार का प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार की ओर प्रेरित हो रहे हैं लगभग 3 वर्ष पूर्व नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कौशल विकास की स्वस्थ परंपरा के अंतर्गत यह पाठ्यक्रम श्रमजीव महाविद्यालय में आरंभ किया गया था इस पाठ्यक्रम का तीसरा बेच इस वर्ष प्रशिक्षित हो चुका है l विद्यार्थी एक्यूप्रेशर उपचार की तकनीक सीख कर अपना रोजगार कमाने लगे हैं कोई भी 12वीं पास विद्यार्थी एक वर्ष के एक्यूप्रेशर डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर उपचार तकनीक सीख कर अपनी आमदनी का मार्ग प्रशस्त कर सकता है l कोई भी व्यक्ति एक्यूप्रेशर रिफ्लेक्सोलॉजी आसानी से सीख सकता है l यह जानकारी देते हुए पाठ्यक्रम समन्वयक नारायण सिंह राव ने बताया कि एक्यूप्रेशर कोर्स के अतिरिक्त महाविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित *हार्टफूलनेस मेडिटेशन और मानसिक स्वास्थ्य** विषय पर नया पाठ्यक्रम भी राजस्थान विद्यापीठ के साथ एमओयू कर विद्यार्थियों के लिए आरंभ किया जा रहा है, इसमें विद्यार्थी अपना संतुलित जीवन जीने की कला सीखते हैं l
हार्टफुलनेस संस्थान के केंद्र समन्वयक और पाठ्यक्रम सलाहकार डॉ राकेश दशोरा ने बताया कि हृदय आधारित ज्ञान के माध्यम से इसके विभिन्न मॉडल्स पेशावर के द्वारा तैयार किए गए हैं जो विद्यार्थियों को संतुलित जीवन के साथ-साथ रोजगार के लिए भी तैयार करते हैं l महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. मलय पानेरी ने पाठ्यक्रम का महत्व अंकित करते हुए विद्यार्थियों को इसमें प्रवेश लेने की अपील करते हुए कहा कि दोनों पाठ्यक्रम में प्रवेश जारी है तथा 5 सितंबर तक विद्यार्थी आवेदन कर प्रवेश ले सकते हैं।
इस पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी किसी भी कार्य दिवस पर संस्कृत विभाग में संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैl