उदयपुर। न्यू भूपालपुरा स्थित अरिहंत भवन में विराजमान आचार्य प्रवर ज्ञानचंद्र महाराज ने धर्मसभा में बोलते हुए कहा कि कहां भूल हुई है वो ढूंढने वाला व्यक्ति जिंदगी में बहुत आगे बढ़ जाता है और किससे भूल हुई यह खोजने वाला व्यक्ति वहीं का वहीं रह जाता है।
भूल किसने की यह न खोजकर क्यों हुई इस कारण का समाधान करो तो परिवार, समाज से भूलें जड़ से उखड़ने लगेगी। आज व्यक्ति यह खोजता है कि गलती किसने की, उसे डांटता है तो उससे समाधान न होकर विद्रोह की भावना पैदा होती है। वो फिर यही खोज करता है कि दूसरा भी गलती करे तो उसे भी डांट पड़नी चाहिए। अगर डांट नहीं पड़ती है तो अभिभावक माता-पिता या गुरु के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया जाता है। जिससे परिवार, समाज में सामंजस्य से नहीं वैमनस्य बढ़ता है।