उदयपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा सेवा प्राधिकरण जयपुर के तत्वावधान में जिला एवं सेशन न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ज्ञानप्रकाश गुप्ता के निर्देशों के क्रम में प्राधिकरण सचिव एवं एडीजे कुलदीप शर्मा की अध्यक्षता में रालसा वन व बालिका वर्ष 2025, सृजन की सुरक्षा योजना के तहत सघन पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया कि रालसा वन व बालिका वर्ष 2025, सृजन की सुरक्षा योजना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर द्वारा चीरवा गांव को गोद लिया गया है। इसके तहत चीरवा ग्राम पंचायत में संरक्षित 300 बीघा जमीन में 111 पौधे लगवाते हुए उक्त योजना का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर चीरवा ग्राम पंचायत के सरपंच गगन गमेती, बिहारी दास वैष्णव उप सरपंच, नारायण लाल मेनारिया एवं अन्य ग्रामवासी उपस्थित रहे। वृक्षारोपण हेतु पौधे सहायक वन संरक्षक उत्तर राजेन्द्र सिंह ने उपलब्ध कराए।
यह है सृजन की सुरक्षा योजना
चयनित ग्राम पंचायत में वर्ष 2025 में किसी भी बालिका का जन्म होता है तो प्रत्येक जन्म लेने वाली बालिका के परिवार द्वारा 11 पौधे लगाये जाएंगे। इन पौधों की प्रारम्भिक देखभाल और पोषण की जिम्मेदारी सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से प्रोत्साहित व सुनिश्चित की जाएगी। इसमें नवजात बालिका के परिवार और स्थानीय महिला समुहों को शामिल किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर योजना अन्तर्गत लगवाये जाने वाले पौधों की उपलब्धता वन विभाग द्वारा की जाएगी। वन विभाग रोपे गए पौधो/वृक्षो के रख रखाव के लिए सहायता प्रदान करेगा। उक्त चिन्हित गांव में जन्म लेने वाली प्रत्येक हरित बालिका को एक विशिष्ट पहचान पत्र जारी किया जाएगा, जो वृक्षारोपण पहल के माध्यम से जुडी है । उक्त विशिष्ट पहचान पत्र चयनित परिवारों एवं बालिकाओं को विधिक सेवा संस्थानों तक पहुचने और आवश्यक सहायता प्राप्त करने के लिए सम्पर्क बिन्दु के रूप में कार्य करेगा । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरित बालिका के परिवारों के साथ सक्रिय रूप से जुडेगा और उन्हे चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवा योजनाओं तक पहुंच, शैक्षणिक अवसर और प्रासंगिक सरकारी योजनाओं तथा उपलब्ध सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाएगा। आवश्यक होने पर यह विधिक सहायता बाल अधिकारों, महिला अधिकारो, पोक्सो अपराधों के संबंध में भी उपलब्ध करवाई जाएगी । ग्राम पंचायत के अधीन चिन्हित गांव में योजनान्तर्गत वर्णित विषयों पर सामुदायिक बैठकें, कार्यशालाएं, नुक्कड नाटक, जागरूकता सामग्री का विवरण व स्थानीय प्रभावशाली लोगों की भागीदारी से विधिक जागरूकता कार्यक्रमो ंका आयोजन किया जाएगा। ग्राम पंचायत के सरंपच, पंच, वन विभाग, चिकित्सा विभाग एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारीगण आपसी सामन्जस्य से उक्त योजना को सफल होने हेतु प्रयास करेगें।