GMCH STORIES

छठे दिन भी जारी रहा संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारियों का धरना

( Read 1551 Times)

20 Jul 25
Share |
Print This Page
छठे दिन भी जारी रहा संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारियों का धरना

उदयपुर – मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में कार्यरत संविदा एवं स्ववित्तपोषित योजना (एस.एफ.एस.) के कर्मचारियों का धरना शनिवार को लगातार छठे दिन भी शांतिपूर्वक जारी रहा। कर्मचारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से ठोस समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं।

संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष श्री नारायणलाल सालवी ने बताया कि लगातार छह दिन बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई संवाद या पहल नहीं हुई है। इसके विपरीत, कुलसचिव महोदय द्वारा डीन एवं डायरेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि जो कर्मचारी कार्य पर नहीं लौट रहे हैं, उन्हें सेवा से हटा दिया जाए तथा “नो वर्क, नो पेमेंट” की नीति लागू की जाए। इसके साथ ही कर्मचारियों को 30 सितंबर 2025 तक का कार्यादेश जारी कर काम पर लौटने के लिए कहा जा रहा है।

वहीं संगठन की मांग स्पष्ट है कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक का कार्यादेश तथा वेतन आदेश एक साथ जारी किया जाए। संगठन का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन हर बार मात्र एक या दो महीने के कार्यादेश जारी कर देता है, जबकि वेतन आदेश के लिए कर्मचारियों को बार-बार भटकना पड़ता है। परिणामस्वरूप समय पर वेतन नहीं मिल पाता, जिससे आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है। जब विश्वविद्यालय अधिकारियों के वेतन में एक दिन की देरी होती है तो बवाल मच जाता है, लेकिन संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारियों के वेतन में देरी पर सभी मौन साध लेते हैं।

धरने के कारण शनिवार को भी विश्वविद्यालय की प्रशासनिक और अकादमिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह ठप रहीं। परीक्षा, डिग्री, डिप्लोमा और मार्कशीट से संबंधित कार्यों के लिए दूरदराज के आदिवासी अंचल से आए विद्यार्थियों को दिनभर भटकना पड़ा। इसके अतिरिक्त, महाविद्यालयों में चल रही प्रवेश काउंसलिंग की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है, क्योंकि अधिकांश व्यवस्थाएं ठप पड़ी हैं।

धरनारत कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन समाधान निकालने की बजाय कर्मचारियों को डराने-धमकाने के तरीके खोज रहा है। जिन मांगों को बड़ा और जटिल बताकर नजरअंदाज किया जा रहा है, वे वास्तव में तर्कसंगत और व्यवहारिक हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय के विद्वान अधिकारी सरलता से सुलझा सकते हैं – बशर्ते उनमें इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता हो, जो वर्तमान में नज़र नहीं आ रही।

कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार को गुमराह करने वाली रिपोर्ट भेज रहा है, जिससे समाधान की प्रक्रिया और अधिक जटिल हो रही है।

संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के असंवैधानिक आदेशों और संकीर्ण मानसिकता के खिलाफ उनका आंदोलन सोमवार से और अधिक व्यापक स्तर पर जारी रहेगा। जब तक मांगों का न्यायसंगत समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन शांतिपूर्ण रूप से चलता रहेगा।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like