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देववाणी का संरक्षण अनिवार्य- सांसद मीणा

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21 Jun 21
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देववाणी का संरक्षण अनिवार्य-  सांसद मीणा

संस्कृतभारती चित्तौड़ प्रांत द्वारा उदयपुर विभाग में निशुल्क दस दिवसीय संस्कृत संभाषण वर्ग का ऑनलाइन आयोजन 11 जून 2021 से 20 जून 2021 रविवार तक हुआ जिसका समापन आज दिनांक 20 जून 2021 रविवार को वर्चुअल माध्यम से हुआ।

महानगर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अर्जुन लाल मीणा, मुख्य वक्ता संस्कृतभारती राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री हुल्लास चंद्र एवं अध्यक्षता पूर्व संस्कृत संभागीय शिक्षा अधिकारी श्री भगवती शंकर जी व्यास ने की।

समारोह का शुभारंभ रेनू पालीवाल द्वारा दीप मंत्र से तथा नरेंद्र शर्मा द्वारा ध्येय मंत्र प्रस्तुत कर किया गया।

प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. यज्ञ आमेटा ने अतिथियों का स्वागत परिचय कराया।

कार्यक्रम का संचालन महानगर शिक्षण प्रमुख कैलाश सुथार ने संस्कृत भाषा में आकर्षक रूप से किया।

मुख्य अतिथि सांसद उदयपुर अर्जुन जी मीणा ने संस्कृतभारती द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर में लाभार्थी शिक्षार्थियों को प्रोत्साहित किया व देववाणी की के संरक्षण के लिए संस्कृत भारती के प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर संस्कृत भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री हुल्लास चंद्र ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए  संस्कृत संभाषण करने वालो के संख्या बल पर बल दिया तथा संगठन में शक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि संस्कृत संभाषण करने वालों का संख्या बल अधिक होने के साथ-साथ उनका संगठित होना भी अनिवार्य है तभी संस्कृत का वातावरण मजबूत बन सकेगा ओर समाज उसका अनुसरण कर सकेगा। हुल्लास चन्द्र ने इस अवसर पर संस्कृत के प्रति समरसता पर बल देते हुए संस्कृत भारती के प्रकल्प "साप्ताहिक मेलन", 'संभाषण वर्ग' , "गृहं गृहं संस्कृतं", "संस्कृत संवाद शाला", "सरल संस्कृत परीक्षा" आदि  के माध्यम से संस्कृत भारती के कार्यो पर प्रकाश डाला तथा कहा कि विश्व के 29 देशों में निरंतर सनाकृतभारती संस्कृत के प्रचार प्रसार का कार्य संकल्पित होकर कर रही है।

अध्यक्षता कर रहे भगवती शंकर जी व्यास ने संस्कृत का महत्व बताते हुए कहा कि संस्कृति का संरक्षण संस्कृत में ही निहित है और कहा कि संस्कृत में विश्व साहित्य का भंडार उपलब्ध है तथा एकमात्र संस्कृत भाषा ही आत्म बल का प्रमुख केंद्र है तथा इसी से स्थिरता का भाव जागृत होता है, उन्होंने इस भाषा को सामान्य बोलचाल की भाषा बनाने व यूपीएससी आरपीएससी आदि कंपटीशन परीक्षाओं में संस्कृत को आरक्षित स्थान देने पर बल दिया ताकि अधिक से अधिक जन चेतना का स्वरूप बन सके।

संस्कृत संभाषण वर्ग के मुख्य शिक्षक मीठालाल माली ने वर्ग का परिचय कराते हुए कहा कि वर्ग में उदयपुर विभाग से 239 आवेदन पंजीकरण हुए वर्ग में प्रतिदिन अपने नाम बोलना सीखने से लेकर गीत खेल चुटकुले मंत्र श्लोक, संस्कृत में बोलचाल व्यवहार आदि संस्कृत में प्रतिदिन 4:00 से 5:30 बजे तक शिक्षार्थी आनंद के साथ लाभान्वित हुए ।

इस अवसर पर संभाषण वर्ग में लाभान्वित हुए शिक्षार्थी के रूप में बांसवाड़ा से जयेश उपाध्याय अंग्रेजी विद्यालय में पढ़ रहे कक्षा 6 के आरव एवं कंचन मीणा व कल्पना तिवारी द्वारा शिविर का अनुभव संस्कृत में संभाषण कर प्रस्तुत किया गया।

अंत में बांसवाड़ा वर्ग के शिक्षक लोकेश जैन द्वारा सभी अतिथियों, शिक्षार्थियों, व्यवस्थापकों का आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से देवेंद्र पण्ड्या, दुष्यंत नागदा, मंगल कुमार जैन, नरेंद्र शर्मा, रेखा सिसोदिया, दुर्गा कुमावत, रेनू पालीवाल डा यज्ञ आमेटा, डॉ हिमांशु भट्ट, दुष्यंत कुमावत, चैनशंकर दशोरा ,कैलाश सुथार, प्रदीप भट्ट, मीठालाल माली, लोकेश जैन आदि उपस्थित रहे।


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