उदयपुर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति सचिवालय में बुधवार को राजभवन राजस्थान सरकार द्वारा आहूत आनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। इस आनलाइन बैठक में माननीय राज्यपाल महोदय श्री कलराज मिश्र ने राज्य के सभी राज्य पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित किया। बैठक का मूल एजेंडा विश्वविद्यालयों में वर्तमान स़त्र की परीक्षाओं का आयोजन, परीक्षा परिणाम, नवीन प्रवेश, आगामी सत्र में अध्ययन-अध्यापन, विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क की स्थापना, राजभवन में नवाचार पर आधारित विश्वविद्यालय पार्क में विश्वविद्यालयों की भूमिका, रिक्त पदों पर भर्ती की स्थिति एवं जल व ऊर्जा संरक्षण तथा विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिये गये गांवों में ग्राम विकास कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई।
माननीय राज्यपाल ने कोविड-19 लाकडाउन से हुई क्षति में शिक्षण संस्थाओं की सुचारू व्यवस्था स्थापित करने हेतु आगामी सत्र में आनलाइन शिक्षण व्यवस्था, परीक्षाओं के सुचारू संचालन, मेडिकल व प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अक्षरशः अनुपालना करने, विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूर्ण सावधानी से कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयो को जल एवं ऊर्जा प्रबंधन पर ध्यान देना होगा एवं विश्वविद्यालय में सोलर पैनल, वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की स्थापना व ऊर्जा एवं जल बजटिंग करें। विश्वविद्यालयों में उपयुक्त स्थान पर संविधान पार्क बनाने के निर्देश भी उन्होंने दिये व कुलपतियों से उपरोक्त बिंदुओं पर प्रगति रिपोर्ट लेकर चर्चा की। उन्होंन ई-कंटेंट बनाने व अपलोड करने, वेबसाइट को द्विभाषी बनाकर अपडेट करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि संविधान पार्क से विद्यार्थियों को संविधान की आवश्यक जानकारी, संवैधानिक अधिकारों व कर्तव्यों की जानकारी सुगमता से उपलब्ध हो पायेगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि कोविड-19 महामारी के समय सम्पूर्ण प्रशासन व राजभवन विश्वविद्यालयों के साथ खड़ा है व स्वयं को अकेला न समझें। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों से राजभवन की शैक्षिक टास्क फोर्स की अनुशंसाओं की समय पर अनुपालना की अपेक्षा भी जताई। महामहिम ने एमपीयूएटी द्वारा गोद लिए गये आदर्श ग्राम हायला तथा विसमा में किये गये विकास कार्यों की प्रसंशा करते हुए अन्य सभी विश्वविद्यालयों को आदर्श के रूप में लेने की सलाह दी। उन्होंने आगामी शैक्षणिक सत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले विश्वविद्यालय को पुरस्कृत करने, विश्वविद्यालयों में पेंशन की समस्या का समाधान करने एवं रिक्त पदों को भरने को प्राथमिकता से करने की बात कही।
इस अवसर पर माननीय कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने एमपीयूटी एवं एमएलएसयू का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कोविड लाकडाउन के दौरान एमपीयूएटी के छः संघटक महाविद्यालयों के 516 कोर्सेज में अप्रैल माह में 5532 तथा मई माह में 4800 आनलाइन क्लासेज का संचालन कर शतप्रतिशत पाठ्यक्रम पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से स्वीकृति मिलते ही जुलाई माह में आरसीए तथा बाद में सीटीएई के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा आयाजित की जायेगी तत्पश्चात अन्य काॅलेजों में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाए आयोजित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में फेकल्टी की नितांत कमी है तथा 471 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 22 प्रतिशत फेकल्टी के साथ अध्यापन किया जा रहा है, शेष पद रिक्त हैं। इसी प्रकार सहशैक्षणिक श्रेणी के 1073 पदों में से 544 पद रिक्त हैं जिससे विश्वविद्यालय को पूर्ण क्षमता से कार्य करने में कठिनाइ्र का सामना करना पड़ रहा है।
इस वेब मीटिंग का संचालन राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार ने किया। कुलपति सचिवालय में माननीय कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ के साथ एमपीयूएटी तथा एमएलएसयू के कुलसचिव, वित्तनियंत्रक, सभी संघटक महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, परीक्षा नियंत्रक व निदेशक अनुसंधान व निदेशक आयोजना व परिवीक्षण भी उपस्थित थे।