शांतनु जब दस वर्ष का था तब उसे बिल्डिंग में रहने वाली दीपा पसंद आने लगी , वह उसके साथ खेलता, उसके साथ स्कूल जाता और ट्यूशन जाता।
वक्त बढ़ता गया और शांतनु दीपा से प्रेम करने लगा ।
वे दोनों शास्त्री नगर में फ्लैट में रहते थे ।
दीपा के माता-पिता दोनों ही इंजीनियर थे, शांतनु के माता-पिता स्कूल में टीचर थे ।
बच्चे तो बच्चे होते हैं वे कोई भेद नहीं रखते हैं। दीपा के माता-पिता को शांतनु के माता-पिता और शांतनु कम ही पसंद थे लेकिन एक बिल्डिंग में रहने के कारण बातचीत कर लिया करते थे।
शांतनु और दीपा शादी के लायक हो गए,दोनों के माता-पिता अब उनकी शादी के लिए लड़का लड़की देख रहे हैं , इस बात की भनक पड़ोस की वीमा दीदी को लगती है तो वह शांतनु के पास आती है
वीमा “ शांतनु दीपा के लिए लड़का ढूंढा जा रहा है तुम कब तक चुप रहोगे अब तुम्हें चुप्पी तोड़नी होगी “
शांतनु “ दीपा मेरा पहला प्यार है और आखरी, जो हो जाए मैं दीपा की शादी किसी और से नहीं होने दूंगा “
शांतनु दीपा के माता-पिता के पास जाता है और दीपा से प्यार करने की बात बताते हुए उससे शादी करने की बात कहता है दीपा के माता-पिता यह सुनकर आग बबूला हो जाते हैं । पुलिस में उसके खिलाफ कंप्लेंट दर्ज करवा देते हैं , पुलिस शांतनु को गिरफ्तार करती है। दीपा यह सब देख रही होती है लेकिन कहती कुछ नहीं है ।
दीपा अपने माता-पिता की इकलौती संतान है जब से शांतनु उससे दूर हुआ है दीपा बीमार रहने लगी है उसके माता-पिता उसे अस्पताल लेकर गए उसका इलाज शुरू करवाया घर पर उसकी देखरेख के लिए नर्स रखी गई लेकिन उसकी तबीयत दिनों दिन बिगड़ती रही ।
एक दिन दीपा की मां चिंतित होकर दीपा से पूछती है
“ दीपा तुम्हें मेरी कसम है तुम्हारे दिल में अगर कोई बात है तो मुझे कह दो “
दीपा “ मां शांतनु बचपन से मेरा दोस्त रहा है हम साथ में बड़े हुए हैं जब आप लोग कभी-कभी रात के दस बजे तक ऑफिस से नहीं लौटते थे तब शांतनु और उसके माता-पिता मेरा खूब ख्याल रखते थे, शांतनु ने मेरा साथ कभी नहीं छोड़ा और अब मैं शांतनु का साथ बिल्कुल भी नहीं छोड़ना चाहती हूं मैं शादी सिर्फ शांतनु से करना चाहती हूं , शांतनु ही मेरा पहला प्यार है “
यह सुनकर कावेरी कुछ देर के लिए रूकती है और कहती है “ दीपा तुम्हारे रोग का निदान सिर्फ शांतनु है और कोई नहीं , मैं तुम्हारे पापा को समझती हूं “
कावेरी “ मयंक मैंने दीपा से बात की तब उसके दिल की बात मुझे पता चली , वह शांतनु से प्यार करती है अब मुझे और तुम्हें उसके बीच में नहीं आना चाहिए ।हमारी इकलौती बेटी है उसका पहला प्यार शांतनु है , हमें अब शांतनु को अपना दामाद बनाना ही होगा “
मयंक “ कावेरी हमारी बेटी दीपा के लिए मैं शांतनु को दामाद बनाने के लिए तैयार हूं “
उधर शांतनु को सारी बात पता चल जाती है दीपा और शांतनु मिलते हैं
शांतनु दीपा से कहता है “ मेरा पहला और आखिरी प्यार सिर्फ तुम ही हो “
दोनों गले मिलते हैं और हमेशा साथ रहने का वादा करते हैं।
डॉ प्रेरणाश्री गौड़
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