GMCH STORIES

दृष्टिबाधितों ने व्यक्त की पीड़ा, कलेक्टर पसीजे, चौंबर से बाहर तक छोड़ने पहुंचे

( Read 1369 Times)

15 Jul 25
Share |
Print This Page

दृष्टिबाधितों ने व्यक्त की पीड़ा, कलेक्टर पसीजे, चौंबर से बाहर तक छोड़ने पहुंचे

 दृष्टिबाधित छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को जिला कलेक्टर नमित मेहता से भेंट कर अपनी पीड़ा बताते हुए ज्ञापन सौंपा। द्रवित हुए कलेक्टर ने शीघ्र ही उनकी परेशानी दूर करने का आश्वासन दिया। साथ ही संवेदनशीलता दर्शाते हुए अपनी सीट से उठ चेम्बर के बाहर तक इन दृष्टिबाधित बालकों को छोड़ने आए। ज्ञापन में बताया गया कि दक्षिणी राजस्थान के संभाग मुख्यालय सहित पूरे क्षेत्र में दृष्टिबाधित बालकों के लिए कोई सरकारी छात्रावास उपलब्ध नहीं है। स्वयंसेवी संस्था समिधा संस्थान के अध्यक्ष डॉ चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने इन दृष्टिबाधित बालकों की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने नगर निगम की ओर से उदयपुर शहर के सेक्टर 14 क्षेत्र में स्थित सामुदायिक भवन के एक भाग में बिना किसी सरकारी अनुदान या वित्तीय सहायता के अस्थाई तौर पर छात्रावास शुरू किया। यहां उपलब्ध सुविधा में 25 दृष्टिबाधित छात्र रह कर अध्ययन कर रहे हैं। समिधा संस्थान के खर्च पर छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। स्थान की कमी के कारण इन छात्रों के भोजन के लिए बैठने का स्थान तक उपलब्ध नहीं। वहीं, अन्य दृष्टिबाधित छात्र दूसरे स्थानों पर कमरे किराए पर लेकर रहने को मज़बूर हो रहे हैं। इन बालकों ने जिला कलेक्टर से मांग की कि इस सामुदायिक भवन में नीचे स्थित तीन अन्य कमरे जो कि अनुपयोगी पड़े हैं, उन्हें दृष्टिबाधित छात्रों के आवास के लिए अस्थाई तौर पर आवंटित किए जाएं। जिससे कि भामाशाहों के सहयोग से कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए सेट अप व भोजनशाला हेतु स्थान उपलब्ध हो सके।

कलेक्टर से गुहार दृष्टिबाधित छात्रावास के लिए भूखंड आवंटित करें...
समिधा संस्थान के अध्यक्ष डॉ चन्द्रगुप्त सिंह चौहान की ओर से भी इस संबंध में एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि पिछले दिनों उनके संस्थान की ओर से दृष्टिबाधित बालकों के लिए राज्य स्तरीय तीन दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस दौरान पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की उपस्थिति यह बात सामने आई कि इस जनजाति अंचल में प्रदेश के सर्वाधिक दृष्टिबाधित छात्र छात्राएं हैं, लेकिन उनके लिए कोई सरकारी छात्रावास तक नहीं। कार्यक्रम में उपस्थित उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने दृष्टबाधितों के छात्रावास निर्माण हेतु सांसद मद से 30 लाख रुपए व शहर विधायक ताराचंद जैन ने अपने विधायक मद से 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। लेकिन, समिधा संस्थान के पास छात्रावास निर्माण के लिए भूखंड उपलब्ध नहीं है। संस्थान की ओर से दो वर्ष पूर्व उदयपुर में छात्रावास के लिए रियायती दर पर भवन उपलब्ध कराने के लिए यूआईटी में आवेदन भी किया गया था। लेकिन, उस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि इस हेतु शीघ्र भूखंड आवंटन के आदेश प्रदान करें, जिससे कि उदयपुर संभाग मुख्यालय पर इस तरह का छात्रावास भवन निर्मित किया जा सके।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion
Subscribe to Channel

You May Like