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राजस्थान के लिए नया वर्ष 2026 विकास का नया सूरज लेकर आयेगा

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09 Oct 25
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राजस्थान के लिए नया वर्ष 2026 विकास का नया सूरज लेकर आयेगा

राजस्थान के लिए नया वर्ष 2026 विकास का नया सूरज लेकर आयेगा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में माही बाँध के बैकवाटर क्षेत्र बांसवाड़ा-रतलाम (मध्य प्रदेश ) मार्ग पर  72,000 करोड़ रू की लागत से बनने वाले परमाणु बिजली घर की नापला गाँव में आयोजित एक कार्यक्रम में आधारशिला रख प्रदेश को दिवाली का तोहफा दिया था और अब वे एक बार फिर पश्चिम राजस्थान की महत्वाकांक्षी पचपदरा रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण करने के लिए नए साल से पहले राजस्थान की यात्रा पर आ सकते है और राजस्थान को पचपदरा रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के रूप में नए वर्ष का नायाब उपहार दे सकते है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को गुजरात के सूरत में आयोजित प्रवासी राजस्थानी मीट कार्यक्रम में इस बात के संकेत दिए है कि राजस्थान में दिसंबर से पचपदरा रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल की शुरुआत होगी और सरकार निवेशकों को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स एवं डेटा सेंटर्स स्थापित करने में सहयोग देगी। पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर के निकट पचपदरा में स्थापित की जा रही इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 72,000 करोड़ रुपये है, जो इसे देश की सबसे महंगी रिफाइनरी परियोजनाओं में से एक बनाती है। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी औद्योगिक परियोजना है। यह  परियोजना भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल ) और राजस्थान सरकार का संयुक्त उपक्रम है । एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही है इस रिफाइनरी में प्रतिदिन 9 मिलियन टन (एमटीपीए) कच्चे तेल को रिफाइन करने की क्षमता होगी। इसमें पेट्रोल, डीज़ल, एटीएफ, एलपीजी जैसे उत्पादों के साथ-साथ पेट्रोकेमिकल यूनिट भी शामिल है, जो पॉलीप्रोपाइलीन जैसे रासायनिक उत्पाद तैयार करेगी। परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है, जबकि स्थानीय उद्योग, परिवहन और विभिन्न सेवा क्षेत्रों में भी तेज़ी से विकास की बहार आएगी।इस रिफाइनरी से राजस्थान को हर वर्ष हजारों करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। राज्य को न केवल ईंधन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिलेगी बल्कि यह प्लांट उत्तर भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का प्रमुख केंद्र भी बनेगा। इसके साथ-साथ भारत की आयातित पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता घटेगी और प्रधानमन्त्री मोदी के “वोकल फॉर लोकल” की भावना को भी बल मिलेगा।निश्चित रूप से, पचपदरा रिफाइनरी राजस्थान की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर सिद्ध होगी।

 

सूरत  में मुख्यमंत्री शर्मा ने आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाले *प्रवासी राजस्थानी दिवस* की भी चर्चा की और इसमें भाग लेने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को निमंत्रण दिया। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार इस वर्ष से हर वर्ष ‘प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार’ प्रदान करेगी, जिसके अंतर्गत विज्ञान, व्यवसाय, कला, खेल, साहित्य, सिनेमा, संगीत और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी राजस्थानियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने प्रवासी उद्यमियों को आईटी, फार्मा, ऊर्जा, टेक्सटाइल, खनन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश करने को राजस्थान आने का आमंत्रण दिया। विशेष रूप से सूरत के हीरा  एवं अन्य उद्यमियों को रत्न-आभूषण, फार्मा, टेक्सटाइल और पचपदरा रिफाइनरी में प्रस्तावित पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स जैसे क्षेत्रों में  निवेश के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वे 

राजस्थान को ‘जेम्स एंड ज्वेलरी हब’ बनाएंबनाने में सहयोग करें। शर्मा ने कहा कि सूरत हीरा कटाई और सिंथेटिक टेक्सटाइल्स के लिए विश्व प्रसिद्ध है, वहीं राजस्थान रंगीन पत्थरों, कुंदन और मीनाकारी के लिए जाना जाता है। इसलिए दोनों राज्य मिलकर राजस्थान को ‘ग्लोबल जेम्स एंड ज्वेलरी हब’ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात और राजस्थान दोनों राज्यों के बीच व्यापार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। दोनों प्रदेश केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं,बल्कि उद्योग, व्यापार और सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी घनिष्ठ संबंध साझा करते हैं। उन्होंने प्रवासी समुदाय से आह्वान किया कि वे अपनी कर्मभूमि (सूरत) के साथ-साथ अपनी मातृभूमि (राजस्थान) के विकास में भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने बताया कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान हुए 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में से 7 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं। रिप्स-2024 के तहत निवेशकों को 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी भी दी गई है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शर्मा ने सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी राजस्थानियों का सम्मान किया और राजस्थान फाउंडेशन का एक ब्रोशर भी जारी किया। इस ब्रोशर में देश-विदेश में सक्रिय 26 चैप्टर्स की जानकारी दी गई है। यह ब्रोशर प्रवासी राजस्थानियों को उनकी जड़ों से जोड़ने और राज्य के विकास में योगदान के लिए मार्गदर्शिका का काम करेगा।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों के जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण में दिए योगदान की सराहना की। साथ ही आग्रह किया कि वे नंदीशाला योजना, भामाशाह योजना और ज्ञान संकल्प पोर्टल जैसी सरकारी पहलों में सक्रिय भागीदारी निभाएं। सीएम भजनलाल ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियां राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत हैं।इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, विधायक पुष्पेंद्र सिंह, वरिष्ठ अधिकारी अखिल अरोड़ा और आलोक गुप्ता, साथ ही राजस्थान फाउंडेशन सूरत चैप्टर के अध्यक्ष श्याम राठी सहित बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी मौजूद रहे।

 

मुख्यमंत्री शर्मा ने सूरत में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सी आर पाटिल से भेंट कर उनके साथ पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राम सेतु (ईआरसीपी )पर भी चर्चा की ।  इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹ 44,605 करोड़ है ।इधर यमुना जल को लेकर राजस्थान और हरियाणा के बीच पंचकूला में अधिकारियों की टास्क फोर्स की चौथी सकारात्मक बैठक हुई  है । शेखावाटी तक पानी लाने के लिए राजस्थान ने कई सुझाव दिए। राजस्थान ने हथिनी कुंड से सिरसा ब्रांच (80 किमी) तक पानी लाने के तीन रास्ते बताए.।यमुना नदी, नेशनल हाईवे और वेस्टर्न यमुना कैनाल से पानी लाने का सुझाव दिया.।सिरसा ब्रांच से नेशनल हाईवे 52 के सहारे सहारे राजस्थान तक पानी लाने का सुझाव दिया।

 

यदि नए वर्ष से पहले यह सभी परियोजनाएं धरातल पर उतर जाती है तो राजस्थान के लिए नया वर्ष 2026 विकास का एक नया सूरज लेकर आयेगाइसमें कोई सन्देह नहीं है ।


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