राजस्थान की भजन लाल शर्मा की सरकार और प्रदेश भाजपा संगठन के संभावित विस्तार, राज्य के निगम बोर्ड और अन्य खाली पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों के कयास के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों के आगामी चुनावों को लेकर शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की है तथा आयोग ने मतदाता सूचियों को तैयार करने का विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है, जिसे इन संस्थाओं के लिए चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत मानी जा रही है। आयोग के मुताबिक, 49 शहरी निकायों और नवगठित शहरी निकायों के चुनावों के लिए राज्य में मतदाता सूचियों का प्रारूप 24 सितंबर को प्रकाशित किया जाएगा, जबकि इनका अंतिम प्रकाशन 3 नवंबर को किया जाएगा।
शहरी निकाय के लिए 24 सितंबर को मतदाता सूचियों का प्रारंभिक प्रकाशन होगा और इसके लिए आगामी 6-7 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाया जाएगा तथा 8 अक्टूबर तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज की जा सकेंगी।16 अक्टूबर तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा तथा 3 नवंबर को अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
प्रदेश में 3847 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है तथा इन पंचायतों में आम चुनाव होने हैं। स्थानीय निकायों की तरह पंचायतीराज चुनावों के लिए भी 26 सितंबर को मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन होगा और 5 अक्टूबर तक दावे और आपत्तियाँ ली जाएंगी एवं 29 अक्टूबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे समय पर कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि मतदाता सूचियों का कार्य पारदर्शी और सटीक तरीके से पूरा किया जा सके।
राज्य के निर्वाचन आयोग ने कुछ दिनों पूर्व अल्प समय में पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनावों के आयोजन की संभावनाओं को नकारा था लेकिन माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रदेश में इन संस्थाओं के चुनाव समय पर कराने के निर्देश दिए थे। इस बीच राज्य सरकार के मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा था कि राज्य सरकार इन संस्थाओं के चुनाव दिसम्बर तक करवा देंगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शहरों और गांवों की सरकारों का गठन करने के लिए राज्य की भजन लाल सरकार प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के चुनावों की घोषणा राज्य विधानसभा के एक सितम्बर से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले करेगी अथवा श्राद्ध पक्ष के उपरान्त स्थानीय सरकार के चुनाव का बिगुल बजेगा।