गोपेन्द्र नाथ भट्ट
ब्रिजटाउन, बारबाडोस/नई दिल्ली लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, जो ब्रिजटाउन में आयोजित हो रहे 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) में भाग लेने के लिए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जॉर्जटाउन, बारबाडोस पहुँच गए हैं। राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन, जो राष्ट्रमंडल देशों के सांसदों के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक है, लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने, सुशासन को बढ़ावा देने और संसदीय कूटनीति व सहयोग के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने पर चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है।
बिरला ने भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों के साथ सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। भारतीय संसदीय शिष्टमंडल में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, संसद सदस्य और सीपीए कार्यकारी समिति के सदस्य अनुराग शर्मा, संसद सदस्य और सीडब्ल्यूपी संचालन समिति की सदस्य डॉ. डी. पुरंदेश्वरी, संसद सदस्य डॉ. के. सुधाकर, रेखा शर्मा, एवं डॉ. अजीत माधवराव गोपछड़े, लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव, पी.सी. मोदी शामिल हैं।राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी इस मौके पर मौजूद थे ।
लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला की अध्यक्षता करेंगे जिसका विषय है: "प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग: डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से लोकतंत्र को सशक्त बनाना एवं डिजिटल डिवाइड को दूर करना" । बिरला 68वीं सीपीसी की महासभा को "राष्ट्रमंडल: एक वैश्विक भागीदार" विषय पर भी संबोधित करेंगे, जिसमें वे लोकतांत्रिक संस्थाओं और वैश्विक संसदीय सहयोग को मजबूत करने हेतु भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालेंगे।
सम्मेलन के दौरान, विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर सात विषयगत कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। भारत के 24 राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के विधानमंडलों के 36 पीठासीन अधिकारियों सहित भारतीय शिष्टमंडल के सदस्यगण इन कार्यशालाओं में भाग लेंगे।
अपनी यात्रा के दौरान, बिरला राष्ट्रमंडल के अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे, जिनमें परस्पर हित के मुद्दों पर तथा संसदीय सहयोग को और आगे बढ़ाने के संबंध में चर्चा की जाएगी।
68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी ), जो बारबाडोस की संसद और सीपीए बारबाडोस शाखा द्वारा आयोजित किया जा रहा है, में राष्ट्रमंडल के 180 से अधिक राष्ट्रीय, राज्य और प्रांतीय विधायिकाओं से 600 से अधिक प्रतिनिधियों को ‘राष्ट्रमंडल – एक वैश्विक साझेदार’ की थीम के अंतर्गत एकत्र हुए है।
भारत राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए ) की विभिन्न पहलों में सक्रिय भागीदार रहा है और संसदीय सहयोग एवं क्षमता निर्माण के माध्यम से वैश्विक लोकतांत्रिक संवाद को सुदृढ़ करने में लगातार योगदान देता रहा है।