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चुनाव आयोग बनाम राहुल गांधी: वोट चोरी के आरोपों पर गहराया विवाद

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03 Aug 25
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चुनाव आयोग बनाम राहुल गांधी: वोट चोरी के आरोपों पर गहराया विवाद

नई दिल्ली,  लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के बीच टकराव एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और लोकसभा चुनावों में वोट चोरी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास इस संबंध में पुख्ता और विस्फोटक सबूत मौजूद हैं।

शुक्रवार को संसद भवन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया,

"हमारे पास 100% सबूत हैं कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए वोट चोरी कर रहा है। हमने मध्य प्रदेश, लोकसभा और महाराष्ट्र चुनावों में गड़बड़ियों की आशंका जताई थी। हमारी छह महीने की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे एटम बम की तरह हैं, जिन्हें हम जल्द ही सार्वजनिक करेंगे।"

बिहार और कर्नाटक की गड़बड़ियों का भी जिक्र

राहुल गांधी ने अपने आरोपों में बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Summary Revision) के दौरान हुई अनियमितताओं और कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर हजारों नए वोटरों को जोड़ने में धांधली का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं दर्शाती हैं कि चुनाव प्रणाली को योजनाबद्ध ढंग से प्रभावित किया गया।

चुनाव आयोग की कड़ी प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये दावे बेबुनियाद, भ्रामक और गैर-जिम्मेदाराना हैं। आयोग ने कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली मजबूत, पारदर्शी और निगरानी प्रणाली से युक्त है, जिसमें राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।

"एक वरिष्ठ नेता द्वारा बिना प्रमाण ऐसे गंभीर आरोप लगाना लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाता है। इस प्रकार की टिप्पणियां अत्यंत गंभीरता और जिम्मेदारी से की जानी चाहिए," आयोग ने अपने बयान में कहा।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और असर

इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज कर दी है। कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है, जबकि भाजपा ने इन आरोपों को "जनादेश को बदनाम करने का हताश प्रयास" करार दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने की एक रणनीतिक शुरुआत हो सकती है, खासकर आगामी राज्यों के चुनावों को ध्यान में रखते हुए।

आगे क्या?

राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही इस मुद्दे पर अपने सबूतों को सार्वजनिक रूप में पेश करेगी – संभवतः एक विस्तृत रिपोर्ट या कानूनी याचिका के माध्यम से। अगर ये सबूत सामने आते हैं, तो इससे चुनावी प्रक्रिया और संस्थानों की जवाबदेही को लेकर बड़ा राजनीतिक विमर्श खड़ा हो सकता है।

इस बीच, चुनाव आयोग ने फिर दोहराया है कि अगर किसी के पास ठोस प्रमाण हैं, तो उन्हें औपचारिक रूप से प्रस्तुत किया जाए, ताकि जांच की जा सके और सच सामने आ सके।

 


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