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डीपीएस के छात्र जय बोहरा के क्लैट मंे ऑल इंडिया नं.1 रेंक आने पर किया सम्मान

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20 Dec 23
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डीपीएस के छात्र जय बोहरा के क्लैट मंे ऑल इंडिया नं.1 रेंक आने पर किया सम्मान

उदयपुर। डीपीएस स्कूल के होनहार छात्र जय बोहरा ने बारहवीं की परीक्षा की तैयारी करते हुए क्लैट परीक्षा में ऑल इंडिया नं. 1 रेंक प्राप्त करने पर आज विद्यालय प्रशासन की ओर से विद्यालय परिसर में सम्मान किया गया। विद्यालय की ओर से जय बोहरा को 10 हजार का नगद पुयस्कार एवं 70 हजार रूपयें की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि बारहवीं की परीक्षा की तैयारी करते हुए क्लैट परीक्षा पास करना और उसमें भी ऑल इंडिया नं. 1 रेंक प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है लेकिन जय बोहरा ने यह कर दिखाते हुए अन्य छात्रों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बन गये है। उन्हेांने कहा कि मैं जिस माटी का वृक्ष नहीं,जिसको नदियों ने सींचा है,बंजर माटी में पल कर मैंने मृत्यु से जीवन खींचा है..।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रो. वाईस चेयरमैन गोविन्द अग्रवाल ने कहा कि 6 वर्ष पूर्व 2017 में डीपीएस में प्रवेश लेने के बाद जय ने पढ़ाई के मामलें में कभी पीछेे मुड़़ कर नहीं देखा। जय ने क्लैट परीक्षा में अपना विषय बदलते हुए विज्ञान एवं गणित विषय में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर एक कीर्तिमान बनाया। उन्होंने कहा कि जो स्कूल अपने यहंा अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण करता है उस विद्यालय की उन्नति स्वतः होती है। बच्चों को कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहिये।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य संजय नरवारिया ने बताया कि गत 10 दिसंबर को जब जय बोहरा के क्लैट परीक्षा का परिणाम आया तो वह विद्यालय और जय की सफलता की यात्रा का दिन था। विद्यालय बच्चों को यह जान लेना चाहिये कि कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।मन में दृढ़ निश्चय कर जो आगे बढ़ता है वहंी अकल्पनीय परिणाम लाता है।
इस अवसर पर जय बोरहा की माता नेभा बोहरा ने विगत 6 वर्षो की डीपीएस की जय की शैक्षिक यात्रा में डीपीएस का बहुत सहयोग मिला। जय की सफलता की यात्रा में डीपीएस के हर एक शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक अध्यापकों योगदान रहा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को सलाह दी कि यदि जीवन में सफल होना है तो गुरू गृह पढ़न रघुरई,अल्पकाल विद्या सब आई मंत्र को याद कर आगे बढ़ना चाहिये।
इस अवसर पर जय बोहरा ने कहा कि जीवन में अगर हमें सफल होना है तो हम जो भी कार्य कर रहे हैं उसमें अपना बेस्ट देने का प्रयास करना पड़ेगा। हमारी सफलता में सबसे बड़ा योगदान हमारी लगन और मेहनत तो होती ही है उससे भी बड़ी चीज होती है जो भी हम समझते हैं सीखते हैं उसका लगातार अभ्यास करना। अगर हम हमारी पढ़ाई में लगातार अभ्यास नहीं करेंगे तो हमें वांछित सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के पीछे 50 प्रतिशत स्कूल के अध्यापकों की मेहनत है और 50 प्रतिशत की सफलता के पीछे मेरा स्वयं का आत्मविश्वास, जीवन में पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी के बीच में बैलेंस करना, और माता-पिता द्वारा लगातार हौसला अफजाई करना रहा है। उन्होंने कहा कि हमें वही क्षेत्र चुनना चाहिए जिसमें हमारा इंटरेस्ट हो। यह चयन करना विद्यार्थी के हाथ में ही होता है। पूरे देश में जो उन्हें पहली रैंक मिली है इसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी लेकिन उनकी मेहनत पर उन्हें पूरा भरोसा था। यही कारण है कि आज वह देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर सके हैं और डीपीएस स्कूल का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है।
पहले उनका सब्जेक्ट साइंस था लेकिन उसमें उन्हें ज्यादा इंटरेस्ट नहीं रहता था। इसलिए उन्होंने जोखिम भरा काम करते हुए कॉमर्स सब्जेक्ट का चयन किया। उन्हें उम्मीद थी वह इस क्षेत्र में बहुत कुछ कर पाएंगे। कॉमर्स भी लॉ से ही रिलेटेड है इसमें कॉरपोरेट लॉ से संबंधित कार्य होता है। उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए नकारात्मकता को छोड़कर हमेशा सकारात्मक विचार अपने दिमाग में होने चाहिए। परीक्षा की तैयारी ईमानदारी के साथ करनी चाहिए। पढ़ाई का मतलब पढ़ाई, इसे किसी भी हाल में मिस नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने स्कूल भी ज्यादा मिस नहीं किया। परीक्षा और स्कूल की उपस्थिति में बैलेंस रखते हुए उन्होंने यह कार्य किया और स्कूल में भी उन्होंने 70 से 75 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराई।  


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