GMCH STORIES

सौरभ ने 61 वाद्य यंत्र बजाकर एशिया बुक ऑफ एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराया

( Read 6645 Times)

29 Jan 22
Share |
Print This Page
सौरभ ने 61 वाद्य यंत्र बजाकर एशिया बुक ऑफ एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराया

झालावाड़ |  जैसे भक्त अपनी साधना से अपने आराध्य को प्रसन्न करते है वैसे ही कलाकार अपनी साधना से अपने ईष्ट को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। ऐसे ही कला साधक सरस्वती पुत्र है डग झालावाड़ के संगीतज्ञ सौरभ सोनी।
सौरभ सोनी ने 4 जनवरी 2022 को 61 वाद्य यंत्र बजाकर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड एवं एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। 26 जनवरी 2022 को आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में एशिया बुक ऑफ रिकार्ड एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने का प्रमाण पत्र जिला कलक्टर झालावाड़ डॉ. भारती दीक्षित द्वारा जिला स्तरीय समारोह में प्रदान किया गया है।
सौरभ सोनी का जन्म 10 अक्टूबर 1996 को प्रज्ञाचक्षु संगीतज्ञ एवं कवि अशोक सोनी एवं माता मंजू सोनी के यहां झालावाड़ के डग कस्बे में हुआ। माता-पिता दोनों के नेत्रहीन होने के कारण उनका बचपन कष्ट पूर्ण रहा। संगीतज्ञ पिता अशोक सोनी ने अपने पुत्र सौरभ को पांच वर्ष की अल्पायु से ही हारमोनियम, ढोलक, मंजरी, मंजीरा, बांसुरी जैसे कई वाद्य यंत्र बजाने की शिक्षा देना प्रारम्भ किया। शिष्य ने गुरू को निराश नहीं किया। सौरभ ने दस-दस घंटे वाद्य यंत्र बजाने का अभ्यास कर अपने पिता और परिवार को अपनी काबिलियत साबित कर दी। अशोक सोनी को अपने पुत्र में संगीत की प्रतिभा नजर आई। उन्होंने अपने बेटे को संगीत शिक्षा के लिए झालावाड के राजकीय संगीत विद्यालय में इनका दाखिला करवा दिया। यहां उन्हें गुरू भंवरलाल वर्मा और सुगम संगीत के ज्ञाता भूपेन्द्र सिखरवाल नेे संगीत की शिक्षा दी। उनका अभ्यास, संगीत में रूचि एवं प्रतिभा देखकर संगीत विद्यालय की सेवानिवृत  शिक्षिका श्रीमती आशा सक्सेना काफी प्रभावित हुई। आशा सक्सेना को भी सौरभ सोनी जैसे ही लगनशील शिष्य की तलाश थी। उन्होंने सौरभ सोनी को संगीत शिक्षा देने का आग्रह किया। सौरभ गुरू की फीस देने में असमर्थ होने के कारण इस आग्रह को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे, परन्तु जब आशा सक्सेना ने निःशुल्क शिक्षा देने का पुनः आग्रह किया, ’’अंधा क्या चाहे, दो आंखे’’। सौरभ सोनी ने तत्काल हामी भर दी।
सौरभ ने संगीत विशारद की पंचवर्षीय डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने प्रारम्भ के दो वर्ष की शास्त्रीय संगीत की शिक्षा गुरू भंवरलाल से तथा शेष तीन वर्ष की शिक्षा आशा सक्सेना से प्राप्त की। सौरभ बताते है कि उन्हें संगीत सिखने का ऐसा जुनुन था कि उन्होंने भूखे प्यास रहकर जहां चौखट पर लोग अपनी चप्पल-जूते खोलते है वहां पर भी बैठकर संगीत की साधना की है। सौरभ ने शीघ ही अपनी प्रतिभा से जिले में सभी संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया। सौरभ ने मात्र 16 वर्ष की अल्पायु में न सिर्फ संगीत का अभ्यास किया है बल्कि संगीत का प्रसार करने के लिए संगीत शिक्षा देना भी प्रारम्भ कर दिया। प्रतिभाशाली सौरभ को जी राजस्थान के पापुलर शो टैलेन्ट हंट, जिले, प्रांत एवं राष्ट्रीय स्तरीय संगीत कार्यक्रमों में निर्णायक की भूमिका निभाने का अवसर भी प्राप्त हुआ है।
करीब 4 माह पूर्व सौरभ जिन्हें विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र बजाने में महारत हासिल है को एक यूटूयब पर संगीत वाद्य यंत्र बजाने की वीडियों देखकर पता चला कि 27 प्रकार के वाद्य यंत्र बजाकर यूएई के ईवन जार्ज ने मणिपाल यूनिवसिर्टी यूएई में वर्ष 2013 में विश्व रिकार्ड बनाया हुआ है। मात्र 27 वाद्य यंत्र बजाकर विश्व रिकार्ड ! उससे कहीं अधिक तो वे आसानी से बजा लेते है। उन्होंने अपने बजाए हुए वाद्य यंत्र की गणना की जलतंरग, पेडल मटका, हारमोनियम, जाइलोफोन, बेन्जो, तबला, गिटार, तम्बूरा, रावण हत्ता, भपंग, दिलरूबा, सितार, तानपूरा, स्वर सरंगम, करताल, ढफली, माउथआर्गन, कबाकस, पेन क्लूर, एकतारा, बिगुल, मंजीरा, डमरू, मेलोडीका, सिममबल, रिर्कोडर, बाँसुरी, काजू, चिपिया, मोरचंग, फ्रोग, यूकेरिना, वाईलियन, ट्राईगेल, इकटूकी, गोपीचन्द, अलगोजा, यूकेलेले, बांेगो, सारंगी, ढोलक, हैप्पीड्रम, भागंडा ढोल, की-बोर्ड, केजोन, ढोल, पेड, कोम्बो, कलिंबा, बुल-बुल तरंग, हारमोनिका, फ्लूट, हवाईन गीयर, धरम, फूट पैडल, किनारी, स्नेयर, जाम्बेद, क्लाडलेड, शंकर, बीन जो 61 हुए। उन्होंने 29 दिसम्बर 2021 को लेडी अनुसूईया सिंघानिया एजुकेशनल एकेडमी झालावाड़ से ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड एंव एशिया बुक ऑफ रिकार्डस में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए क्लेम किया। जिसेकी स्वीकृति सौरभ सोनी को 4 जनवरी एवं प्रमाण पत्र 25 जनवरी 2022 को प्राप्त हुआ है।
वर्तमान में झालावाड़ के लेसिया स्कूल में संगीत के शिक्षक के रूप में कार्यरत सौरभ ने न सिर्फ जिले का बल्कि प्रदेश व देश का पूरे एशिया में रिकार्ड बनाकर गौरवान्वित किया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like