राजस्थान विद्यापीठ का 89वां स्थापना दिवस धूमधाम से सम्पन्न, पंडित जनार्दन राय नागर की प्रतिमा का हुआ लोकार्पण

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23 Aug 25
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राजस्थान विद्यापीठ का 89वां स्थापना दिवस धूमधाम से सम्पन्न, पंडित जनार्दन राय नागर की प्रतिमा का हुआ लोकार्पण

- जनुभाई के बताये रास्ते एवं उनके सपनों को पूरा करने का लिया संकल्प - प्रो. सारंगदेवोत
-साक्षरता, बेहतर शिक्षा तथा मूल्य बोध को लेकर की विद्यापीठ की स्थापना - प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर / राजस्थान विद्यापीठ का 89वें  स्थापना दिवस पर गुरूवार को श्रमजीवी महाविद्यालय परिसर में कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, पीठ स्थविर कौशल नागदा, पूर्व कुलपति प्रो. दिव्यप्रभा नागर, प्रफुल्ल नागर ने संस्थापक मनीषी पंडित जनार्दराय नागर की प्रतिमा का लोकार्पण कर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धाभाव के साथ उन्हे नमन किया।
अनावरण  पंडित लोकेश पालीवाल के नेतृत्व में 11 पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ आयोजन किया गया।
प्रारंभ में कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि  पंडित जनार्दन राय नागर, जिन्हें जनू भाई के नाम से भी जाना जाता है, ने अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को शिक्षित करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका संघर्ष, मानवीय दृष्टिकोण, सामाजिक और सामुदायिक सरोकार आज भी प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि मानते हुए शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया।


प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि आजादी के 10 वर्ष पूर्व 1937  में जो पौधा रोपित किया था वह आज वटवृक्ष बन गया है अब इसकी हिफाजत करना, इसकी गरिमा बनाये रखना व इसकी ओर अधिक उन्नति करने का दायित्व विद्यापीठ के सभी कार्यकर्ताओं का है। उन्होने कहा कि जनुभाई की प्रतिमा को देखने से हमें एक नई उर्जा मिलती है, एक नया संदेश मिलता है और जब संकट में होते है तो उस समय हमें ऐसा लगता है कि जनुभाई हमारे साथ है। उन्हें कहा कि आज हमें सकल्प के साथ विद्यापीठ का आत्मसात करने की जरूरत है। जब व्यक्ति, समाज और राष्ट्र कठिनाईयों से जुझता है और इसे अवसर में बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज संस्थान में 200 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे है , सभी कोर्स यूजीसी एवं सम्बंधित काउंसिल से मान्यता प्राप्त है। तीन रूपये से शुरू इस संस्थान का वर्तमान में 70 करोड़ का वार्षिक बजट है जो अपने आप में एक कीर्तिमान स्थापित करता है।
राष्ट्र की शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में विद्यापीठ की महत्ती भूमिका - बीएल गुर्जर
कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर ने कहा कि यह दिवस बीतें वर्षों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन तथा नवीन दायित्व बोध का है। नई पीढी से मेवाड के ग्रामीण समुदाय के काम हाथ मे लेते हुए जनुभाई के सपनों केा पूरा करने की बात कही। राष्ट्र की शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में विद्यापीठ अपनी भूमिका को निरंतर सक्रिय बनाए हुए हैं। अच्छे समाज को बनाने की जिम्मेदारी शिक्षक की है। जिसकी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे छात्र निर्माण अपना सर्वस्व दें और समाज के सामने ऐसे छात्रों को उपस्थित कर मिसाल कायम करें।

 
विद्यापीठ झण्डे का किया झण्डारोहण:-


आयोजित समारोह से पूर्व विद्यापीठ के प्रतापनगर परिसर में स्थापित जनुभाई की आदमकद प्रतिमा पर विद्यापीठ के तीनों परिसर के कार्यकर्ताओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इस अवसर पर पीठ स्थविर डाॅ. कौशल नागदा, कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर, कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने विद्यापीठ के झण्डे का झण्डारोहण कर संस्थान गीत का गायन किया।
पीठ स्थविर डाॅ. कौशल नागदा ने सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर विद्यापीठ को ओर अधिक उंचाईयों पर ले जाने का संकल्प दिलाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. प्रफुल्ल नागर ने कहा कि पंडित नागर की शिक्षा के प्रति   दूरदृष्टि को आगे बढ़ाते हुए यदि वर्तमान और भावी पीढ़ी शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास करें, तो उनके विचार चिरकाल तक जीवित रहेंगे।
पूर्व कुलपति प्रो. दिव्य प्रभा नगर ने अपने वक्तव्य में कहा कि पंडित नगर का व्यक्तित्व शिक्षा, समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए समर्पित था। उन्होंने उनकी माताजी के प्रभाव को भी रेखांकित किया और बताया कि बचपन से ही उनके व्यक्तित्व में सेवा और समर्पण के बीज बो दिए गए थे।
संचालन रजिस्ट्रार डाॅ. तरूण श्रीमाली, डाॅ. हेमेन्द्र चैधरी ने किया जबकि आभार प्रो. मलय पानेरी ने जताया।
इस अवसर पर शिक्षाविद् प्रो. एमपी शर्मा, प्रो. पीआर व्यास, डाॅ. पंकज चैधरी, प्रो. शशि चितौडा,  डाॅ. युवराज सिंह राठौड, डाॅ. भवानीपाल सिंह, पुरूषोतम शर्मा, योगेश सक्सेना, शर्वांश नागर, सक्सेना, डाॅ. कला मुणेत, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डाॅ. एसबी नागर, डाॅ. मंजु मांडोत,  डाॅ. बबीता रसीद, डाॅ. शैलेन्द्र मेहता, डाॅ. धमेन्द्र राजौरा, डाॅ. दिलीप सिंह चैहान, डाॅ. सपना श्रीमाली, डाॅ. हीना खान, डाॅ. नीरू राठौड, डाॅ. सुनिता मुर्डिया, डाॅ. अवनीश नागर, डाॅ. राजन सुद, डाॅ. अपर्णा श्रीवास्तव, डाॅ. अलक नंदा, डाॅ. बलिदान जैन, डाॅ. ओम पारीख, डाॅ. विजय दलाल, उदय भान सिंह सहित विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर एवं शहर के गणमान्य नागरिको ने जनुभाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया।


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