चित्तौड़गढ़ / जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न पर अंकुश तथा ऎसे मामलों में ठोस कार्यवाही के लिए सभी प्रकार की शिक्षण संस्थाओं में आन्तरिक शिकायत समिति गठित करने के सख्त निर्देश दिए हैं और कहा कि जिन निजी शिक्षण संस्थाओं में ऎसा नहीं हो पाया है, उन सभी में सप्ताह भर के भीतर इन समितियों का गठन सुनिश्चित किया जाए।
जिला कलक्टर ने मंगलवार को चित्तौड़गढ़ में सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के जनसुनवाई केन्द्र में जिले भर के शिक्षा अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान यह निर्देश दिए।
वीसी में जिला केन्द्र पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (भू अवाप्ति) विनय पाठक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी हरिकृष्ण आचार्य, जिला शिक्षा अधिकारियों शान्तिलाल सुथार एवं राधेश्याम मीणा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कल्याणी दीक्षित और सहायक निदेशक दिलीप जैन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि ब्लॉक स्तर के वीसी केन्द्रों में जिले के सभी पीईईओ ने हिस्सा लिया।
जिला कलक्टर ने इस दौरान जिले में कार्यस्स्थलों पर कामकाजी महिलाओंं उत्पीड़न उन्मूलन से संबंधित कानून कायदे सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में नियमानुसार आन्तरिक शिकायत समितियां गठित करने और इससे संबंधित गतिविधियों पर गंभीरता बरतते हुए पूरी संवेदनशीलता से कार्यवाही के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंंिगक उत्पीड़न(निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अन्तर्गत आन्तरिक शिकायत समितियों के हर स्तर पर गठन के निर्देश दिए।
यह सब आता है लैंंिगक उत्पीड़न में
जिला कलक्टर ने लैंगिक उत्पीड़न के अन्तर्गत समाहित बिन्दुओं पर जानकारी देते हुए बताया महिलाओं से शारीरिक सम्पर्क या उसका प्रयास करना, यौनिक रिश्ते बनाने या प्रयास या उसकी मांग, यौनिक शब्दों वाली बातें या टिप्पणी करना, यौनिक प्रकृति के शारीरिक या मौखिक इशारे, नौकरी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, निहित या अस्पष्ट वादा करके पक्षपातपूर्ण व्यवहार करना अथवा नुकसान पहुंचाने की धमकी देना, कामकाजी महिला के काम में हस्तक्षेप करना या उसके लिए मुश्किलदायी वातावरण बनाना, महिला के स्वास्थ्य व सुरक्षा को प्रभावित करने वाला उपहासपूर्ण या अपमानजनक व्यवहार, अश्लील एवं लिंग आधारित टिप्पणी व चुटकुले, देर रात फोन करना, बेनामी फोन एवं जवाबी मशीन पर अश्लील संदेश भेजना, निजी जिन्दगी के बारे में अफवाह उड़ाना, महिला कार्मिक को अनावश्यक अधिक काम सौंपना, नौकरी से निकालने या तबादले की धमकी देना, गलत नज़रों से घूरना, अश्लील दृश्य सामग्री का प्रदर्शन, अश्लील एसएमएस, ई मेल, नोट्स आदि भेजना आदि कृत्य शामिल हैं।
ऎसा है आन्तरिक शिकायत समिति का स्वरूप
जिला कलक्टर ने बताया कि जिन कार्यस्थलों पर 10 या इससे अधिक कामकाजी महिलाएं कार्य करती हैं वहां इस समिति का गठन जरूरी है। इसमें वरिष्ठस्तरीय महिला कर्मी पीठासीन अधिकारी होती है जबकि कार्यस्थल के कर्मचारियों में से दो सदस्य होते हैं जो महिला संबंधी विषयों का अनुभव व सामाजिक तथा कानूनी जानकारी रखने वाले हों। एक सदस्य महिला विषयों से संबंधित जागरुक स्वयंसेवी संगठन से लिया जाएगा। समिति के नामित सदस्यों में से कम से कम 50 फीसदी सदस्य महिलाएँ होनी चाहिएं। यदि कोई नियोक्ता आन्तरिक शिकायत समिति का गठन करने में असफल रहता है तो वह 50 हजार रुपए तक आर्थिक दण्ड का भागी होगा।
स्कूलों में सुरक्षित व स्वस्थ माहौल हम सभी का फर्ज
जिला कलक्टर ने आन्तरिक शिकायत समिति के ब्लॉक एवं जिलास्तर पर सम्पादित होने वाले प्रावधानों की भी जानकारी दी और निर्देश दिए कि कामकाजी महिलाओं के कार्यस्थलों पर लैंंिगक उत्पीड़न के उन्मूलन के लिए हर स्तर पर पूरी जागरुकता के साथ प्रभावी कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए, ताकि बच्चियों एवं महिलाओं को स्कूलों में सुरक्षित एवं स्वस्थ माहौल प्राप्त हो सके।
जिला कलक्टर ने शिक्षा विभागीय अधिकारियों से उजियारी पंचायत, हरित राजस्थान सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक 398 सरकारी स्कूलों में आन्तरिक शिकायत समितियों का गठन किया जा चुका है।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी हरिकृष्ण आचार्य ने विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की और वीसी के एजेण्डा के अनुसार बिन्दुवार विभागीय प्रगति से अवगत कराया।