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एचडीएफसी बैंक ने 1,000 से ज़्यादा शिक्षकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में किया जागरूक

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19 Sep 25
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एचडीएफसी बैंक ने 1,000 से ज़्यादा शिक्षकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में किया जागरूक

उदयपुर : भारत के अग्रणी निजी क्षेत्र के बैंक, एचडीएफसी बैंक ने सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं पर एक वर्चुअल सत्र आयोजित किया, जिसका उद्देश्य पूरे भारत के स्कूलों और कॉलेजों के 1,000 से ज़्यादा शिक्षकों को जागरूक करना था।  इस सत्र के माध्यम से शिक्षकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को सतर्क रहने और साइबर स्कैमर्स से खुद को बचाने में मदद करना था। सत्र में प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न कार्यप्रणाली को समझने में मदद करने के लिए वास्तविक जीवन से सबंधित उदाहरण, कहानियाँ और वीडियो आदि का उपयोग किया गया।  एचडीएफसी बैंक पिछले चार वर्षों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षित बैंकिंग पहल के तहत साइबर धोखाधड़ी जागरूकता सत्र और कार्यशालाएँ आयोजित कर रहा है। 

 एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष (क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल) मनीष अग्रवाल ने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण लोग साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए लोगों को जागरूक करना ज़रूरी है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा साझा न करें या असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें। इन सत्रों का उद्देश्य शिक्षकों को ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए सही ज्ञान से लैस करना है। बैंक ग्राहकों को डिजिटल लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने तथा अपनी व्यक्तिगत बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि ग्राहक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो उन्हें तुरंत बैंक को अनधिकृत लेनदेन की सूचना देनी चाहिए और भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए भुगतान मोड को ब्लॉक करवाना चाहिए।  ग्राहकों को गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा शुरू की गई 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करके भी शिकायत दर्ज करनी चाहिए। 

कार्यशाला में कई प्रासंगिक विषयों पर चर्चा की गई, जिससे डिजिटल सुरक्षा की बेहतर समझ विकसित हुई:

1.   साइबर धोखाधड़ी जागरूकता: विशिंग, फ़िशिंग, स्मिशिंग, रिमोट डिवाइस एक्सेस, सिम स्वैप और यूपीआई धोखाधड़ी जैसे सामान्य साइबर खतरों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। निवेश, नौकरी के प्रस्ताव, डिजिटल गिरफ्तारी, नकली कूरियर आदि की आड़ में होने वाले घोटालों की पहचान करने और इनसे बचाव के तरीकों पर भी चर्चा हुई। समझ को गहरा करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग किया गया।

2.   सुरक्षित नेट-बैंकिंग और खरीदारी के सुझाव: सत्रों में सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन के सर्वोत्तम तरीकों और सुरक्षित ऑनलाइन खरीदारी के सुझावों पर प्रकाश डाला गया।

3.   निवारक उपाय: उपस्थित लोगों को अपनी संवेदनशील बैंक जानकारी का खुलासा न करने के लिए निर्देशित किया गया।

 4. संदिग्ध घोटालों की सूचना दें: www.sancharsaathi.gov.in पर चक्षु पोर्टल पर किसी भी संदिग्ध कॉल/संदेश की सूचना दें।


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