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8 वें वेतन आयोग को लेकर लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स में देरी से नाराज़गी

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12 Jul 25
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बांसवाड़ा : 8वें वेतन आयोग को लेकर लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स में देरी के चलते खांसी नाराज़गी अब दिखने लगी है।

राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम 

के प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ सह सचिव अरुण व्यास ने बताया कि 

हर दशक पर वेतन आयोग गठित कर कर्मचारियों के कल्याण के पक्ष समाहित होते है।

किन्तु इस बार भारत सरकार ने 

केवल गठन की अधिसूचना जाहिर कर इतिश्री कर ली 

अभी तक कर्मचारियों के संगठन से वार्ता ,ज्ञापन प्रक्रिया ओर नियमित बैठके शुरू नहीं कर अनावश्यक देरी की जा रही हैं।

जिससे कर्मचारियों में आशंकाएं बढ़ गई हैं।जिसका फायदा विरोधी दल उठा सकते हैं।

 

विगत प्रत्येक वेतन आयोग के ट्रेंड को देखे तो इसे जनवरी 2026 से यह लागू  करना है किन्तु वर्तमान में वेतन आयोग का अस्थाई कार्यालय ओर स्टॉफ ही तय नहीं हुआ है हो सकता है केंद्र की सरकार का इशारा हो ओर अरबों रूपये 18%डीए की तरह डकारने की मंशा हो इससे कर्मचारियों में खांसी नाराज़गी है।

 

*कर्मचारियों और पेंशनर्स को 30-34% तक वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की मांग*

 

एक रिपोर्ट के अनुसार 8 वें वेतन आयोग को लागू होने पर करीब 11 मिलियन यानी 1.1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स को 30-34% तक वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की मांग राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम सहित विभिन्न संगठनों की तरफ से की जा रही हैं।

 

उल्लेखनीय हैं कि  7वें वेतन आयोग जोकि 2016 में

लागु  हुआ था उसमें सिर्फ 14% की बढ़ोतरी हुई थी, जो कि पिछले कई वेतन आयोगों की तुलना में सबसे कम थी।

 

*मोदी सरकार की मंशा सरकारी नौकरियों को प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले कंपिटिटिव बनाने की*

 

 लेकिन इस बार केंद्रीय मोदी सरकार की मंशा कर्मचारियों की सैलरी को प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले कंपिटिटिव बनाने की है ओर सरकारी कर्मचारियों को बेहतर वेतनमान देने की हो सकती है।

 

*क्या है फिटमेंट फैक्टर?*

 

वेतन बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फिटमेंट फैक्टर निभाता है। 

 

यह एक तरह का मल्टीप्लायर होता है, जिससे बेसिक पे को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है।

 

 उदाहरण के लिए 7 वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम बेसिक वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 हो गया था।

*फिटमेंट फैक्टर 2.57 तो मिलना ही चाहिए*

 8 वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.57 के बीच हो सकता है। 

 

अगर ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों और  पेंशनरों के वेतन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।

 

*किन्हें मिलेगा फायदा?*

 

इस आयोग से केंद्र सरकार के करीब 44 लाख कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनधारक सीधे फायदा होगा।

 

 आयोग के तहत बेसिक पे, डीए यानी महंगाई भत्ता, एचआरए यानी मकान किराया भत्ता, टीए यानी ट्रैवल अलाउंस और अन्य अलाउंस की भी समीक्षा की जाएगी।

 

*पेंशनर्स पर क्या असर होगा?*

सरकारी पेंशनर्स की संख्या कर्मचारियों से अधिक है इनके वेतन में भी बेसिक पे और डीए के अनुसार बढ़ोतरी हो किन्तु हाल ही में विभिन्न अवसरों पर 

संकेतों ने आठवें वेतन आयोग में पेंशनरों पर लागू नहीं होने के अंदेशे ने निराश किया है।

 

*रिटायरमेंट के बाद कम से कम 50% बेसिक वेतन की गारंटी मांगी*

 

 हालांकि पेंशनरों को एचआरए और टीए जैसे लाभ नहीं मिलते। साथ ही, अप्रैल 2025 से नया Unified Pension Scheme लागू किया गया है जिसमें रिटायरमेंट के बाद कम से कम 50% बेसिक वेतन की गारंटी है।

 

*देरी की आशंका*

 

हालांकि आयोग की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अभी इसके चेयरमैन, सदस्य और Terms of Reference (ToR) तय नहीं हुए हैं। इससे यह आशंका है कि आयोग का काम देर से शुरू होगा और रिपोर्ट बनने, मंजूरी मिलने व लागू होने में समय लग सकता है।

 

अगर यह प्रोसेस देर से शुरू होता है तो कर्मचारियों को 2026 के बजाय 2027 में बढ़ा हुआ वेतन और एरियर मिलने की संभावना बन सकती है। साथ ही सरकार चुनावी वादों, कल्याण योजनाओं और राजकोषीय घाटे को भी संतुलित करने की कोशिश में है।

 

जिससे वेतन बढ़ोतरी की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। 8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों की उम्मीदें बहुत हैं। 

 

अगर सब कुछ समय पर हुआ, तो यह वेतन, पेंशन और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी होगी।

 

*किन्हें मिलेगा फायदा?*

 

इस आयोग से केंद्र सरकार के करीब 44 लाख कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनधारक सीधे फायदा होगा। 

 

*पेंशनर्स को भी महंगाई भत्ता, एचआरए मिले*

राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ सह सचिव अरुण व्यास ने कहा कि पेंशनर्स को भी महंगाई भत्ता, एचआरए मिलना चाहिए ताकि जीवन यापन बेहतर हो।

 

आयोग के तहत बेसिक पे, डीए यानी महंगाई भत्ता, एचआरए यानी मकान किराया भत्ता, टीए यानी ट्रैवल अलाउंस और अन्य अलाउंस की भी समीक्षा की जाएगी।

 

*पेंशनर्स पर क्या असर होगा?*

सरकारी पेंशनर्स की संख्या कर्मचारियों से अधिक है इनके वेतन में भी बेसिक पे और डीए के अनुसार बढ़ोतरी होगी हालांकि उन्हें एचआरए और टीए जैसे लाभ नहीं मिलते। 

 

*Unified Pension Scheme लागू किया*

 

साथ ही, अप्रैल 2025 से नया Unified Pension Scheme लागू किया गया है, जिसमें रिटायरमेंट के बाद कम से कम 50% बेसिक वेतन की गारंटी है।

 

*देरी की आशंका*

 

हालांकि आयोग की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अभी इसके चेयरमैन, सदस्य और Terms of Reference (ToR) तय नहीं हुए हैं। 

 

इससे यह आशंका है कि आयोग का काम देर से शुरू होगा और रिपोर्ट बनने, मंजूरी मिलने व लागू होने में समय लग सकता है।

 

*8 वा वेतन आयोग में देरी से कर्मचारियों को 2026 के बजाय 2027 में बढ़ा हुआ वेतन और एरियर*

 

अगर यह प्रोसेस देर से शुरू होता है तो कर्मचारियों को 2026 के बजाय 2027 में बढ़ा हुआ वेतन और एरियर मिलने की संभावना बन सकती है।

 

*सरकार चुनावी वादों, कल्याण योजनाओं और राजकोषीय घाटे को भी संतुलित करने की कोशिश में*

 

 साथ ही सरकार चुनावी वादों, कल्याण योजनाओं और राजकोषीय घाटे को भी संतुलित करने की कोशिश में है, जिससे वेतन बढ़ोतरी की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। 

 

*8 वें वेतन आयोग में सबकुछ  फिटमेंट फैक्टर पर टीका*

 

8 वें वेतन आयोग से कर्मचारियों की उम्मीदें बहुत हैं। सबकुछ  फिटमेंट फैक्टर पर टीका है और यह 2.57 ही गत बार की तरह लागू हुआ तो अगर सब कुछ समय पर हुआ, तो यह वेतन, पेंशन और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी होगी।

 

*केन्द्रीय कर्मचारी संगठन ने मोदी सरकार को चेताया*

 

केन्द्रीय कर्मचारी संगठन भारत सरकार पर प्रेशर डालने के लिए आंदोलन की राह पर है और चेतावनी ज्ञापन प्रस्तुत कर भारत सरकार को चेता रहे है इसी तरह राजस्थान राज्य कर्मचारी भी आठवें वेतन आयोग में पेंशनरों को लागू करवाने सहित न्यूनतम कटौतियों हो उसी सोच में एकत्रित हो गए हैं और आंदोलन की हुंकार भर रहे हैं।

 

*राजस्थान सरकार द्वारा 8वा वेतन आयोग को हुबहू लागू करे*

 

उल्लेखनीय हैं कि केंद्रीय सरकार द्वारा वेतन आयोग तो विगत कई दशकों से हर बार लागू किए जाते है किन्तु राजस्थान सरकार द्वारा वेतन आयोग को हुबहू लागू नहीं कर वित्तीय बजट में कमी का रोना रोकर अनावश्यक कटौतियां करती हैं ।

 

*सुविधाओं की खाई, विसंगतियों केन्द्रीय कर्मचारी ओर राजस्थान कर्मचारियों में बढ़ती गई*

 

जिससे राजस्थान राज्य के कर्मचारी ओर शिक्षकों को खासी हानि होती है और सुविधाओं की खाई, विसंगतियों केन्द्रीय कर्मचारी ओर राजस्थान कर्मचारियों में बढ़ती गई है जिससे शिक्षक कर्मचारियों, पेंशनरों में खासा आक्रोश व्याप्त है।


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