उदयपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित (एस.एफ.एस.) योजना के अंतर्गत कार्यरत संविदाकर्मी एवं एम.एफ.एस. कर्मचारियों का शांतिपूर्ण धरना लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता पर गहरा असंतोष व्यक्त किया।
संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष श्री नारायण लाल सालवी ने बताया कि धरने के पांचवें दिन भी विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई प्रतिनिधि कर्मचारियों से वार्ता के लिए नहीं पहुंचा। इस बीच प्रशासनिक व शैक्षणिक कार्य बुरी तरह प्रभावित रहे, जिससे परीक्षा, डिग्री, डिप्लोमा व मार्कशीट जैसे कार्यों के लिए दूरदराज के आदिवासी अंचलों से आए विद्यार्थी दिनभर विश्वविद्यालय परिसर में भटकते रहे।
अध्यक्ष ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के किसी अधिष्ठाता या निदेशक ने कर्मचारियों की समस्याएं सुनने की जहमत नहीं उठाई, जबकि महाविद्यालयों में प्रवेश की काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है और सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह ठप हैं।
आज सुबह जब कर्मचारी शांतिपूर्ण ढंग से प्रशासनिक भवन के पास धरना दे रहे थे, तब कुलगुरु महोदया द्वारा उन्हें भवन से हटाने के निर्देश दिए गए। भारी बारिश के बीच कर्मचारियों को सड़क पर बैठने को मजबूर होना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने इरादों को कमजोर नहीं पड़ने दिया। गीली सड़क पर बैठकर भी उन्होंने प्रदर्शन जारी रखा। कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर घेराव किया, जिससे कुलगुरु को पिछले गेट से निकलना पड़ा।
कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन उन्हें कार्य कराने के बाद भी वेतन आदेश और कार्यादेश जारी नहीं कर रहा है। उनके अनुसार, यह स्थिति शोषण और अन्याय की परिचायक है।
धरना कल भी जारी रहेगा और जब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। कर्मचारियों ने स्पष्ट संदेश दिया है — “यस बॉस की परिभाषा अब लोकतंत्र में नहीं चलेगी... जो गलत है वो गलत है।”