उदयपुर, विश्व की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक एवं जिम्मेदार खनन कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क की तीन माइंस कायड़, सिंदेसर खुर्द और रामपुरा अगुचा को भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रतिष्ठित 5-स्टार रेटिंग दी है। यह सम्मान भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक, सुरक्षित और सस्टेनेबल खनन तरीकों के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है।
उल्लेखनीय है कि कायड़ माइन को नौवीं, सिंदेसर खुर्द को लगातार तीसरे साल अब तक चार, रामपुरा आगुचा माइन, जो दुनिया की सबसे बड़ी भूमिगत जिंक उत्पादक खदान है, को लगातार दूसरे साल अब तक चार बार यह पुरस्कार मिला
ये पुरस्कार नई दिल्ली में माननीय केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, श्री संजय लोहिया और आईबीएम के महानियंत्रक डॉ. पी. एन. शर्मा द्वारा प्रदान किए गए।
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ, अरुण मिश्रा ने इस सम्मान पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि, हमारी माइंस अब सिर्फ उत्पादन के लिए नहीं, बल्कि प्रकृति और समुदाय के साथ अपने तालमेल के लिए भी जानी जाती हैं। हर साल मिलने वाली ये 5-स्टार रेटिंग सस्टेनेबिलिटी, नवाचारों और लंबे समय तक मूल्य बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है। हमारा लक्ष्य समुदायों को सशक्त बनाना और पर्यावरण के साथ मिलकर एक बेहतर भविष्य बनाना है।
यह 5-स्टार रेटिंग पर्यावरण प्रबंधन, खदान बंद करने की योजना, हितधारकों के साथ जुड़ाव और पारदर्शिता जैसे कई स्थिरता मानदंडों में उत्कृष्टता को मान्यता देती है। यह उपलब्धि हिन्दुस्तान जिं़क के खनन कार्यों के हर पहलू में सस्टेनेबिलिटी के महत्व को दर्शाता है।
पर्यावरण और जल प्रबंधन में अग्रणी
भारत के सबसे अधिक पानी की कमी वाले क्षेत्रों में संचालन के बावजूद भी, हिन्दुस्तान जिं़क ने जल प्रबंधन में बड़ी प्रगति की है। कंपनी हाल ही में 3.32 गुना जल सकारात्मक हो गई है, जो पहले के 2.41 से काफी बेहतर है। डीएनवी ने इसकी पुष्टि की है। कंपनी ने 2030 तक शुद्ध जल की खपत को 50 प्रतिशत कम करने और स्मेल्टिंग के लिए 100 प्रतिशत कम गुणवत्ता वाले पानी का उपयोग करने का संकल्प लिया है। ये पहल सीधे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य एसडीजी 6 में योगदान करती हैं।
हिन्दुस्तान जिं़क अपने 2030 के सस्टेनेबल लक्ष्यों के तहत जलवायु कार्रवाई, जैव विविधता और चक्रीयता में भी लगातार सुधार कर रहा है। इसके प्रमाणित विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल एसबीटीआई लक्ष्य इसे उन कुछ वैश्विक खनन कंपनियों में शामिल करते हैं जो 1.5 डिग्री संेटिग्रेट ग्लोबल वार्मिंग के मार्ग पर चल रही हैं। कंपनी के पर्यावरण उत्पाद घोषणापत्र (ईपीडी) और एशिया के पहले कम-कार्बन जिंक, इकोजेन की शुरुआत ने इसकी ईएसजी को और मजबूत किया है।
अपने संचालन के अलावा, हिन्दुस्तान जिं़क पारिस्थितिक तंत्रों को बहाल करने और बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कंपनी ने मियावाकी वृक्षारोपण, वेटलेण्ड बहाली और उदयपुर में भारत का पहला मगरमच्छ संरक्षण रिजर्व विकसित करने के लिए राजस्थान वन विभाग के साथ हाल ही में एमओयू सहित कई महत्वपूर्ण जैव विविधता परियोजनाएं शुरू की हैं। हिन्दुस्तान जिं़क सस्टेनेबिलिटी, उत्कृष्ट संचालन और सामाजिक जिम्मेदारी पर महत्वपूर्ण योजानाओं के माध्यम से मेटल और माइनिंग क्षेत्र को लगातार बदल रहा है।