आज यहां अणुव्रत समिति के तत्वाधान में कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी और एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के गर्ल्स हॉस्टल में तीन दशकों से नशा मुक्ति अभियान में लगे वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पीसी जैन ने "गर्ल्स कैन प्रीवेंट एंड ट्रीट दी एडिक्शन" विषय पर बोलते हुए और अपने अनुभव सुनाते हुए जिसमें बेटियों द्वारा अपने घर में नशा करने वाले नशावान का इलाज करते हुए उन्हें बचाया। इस पर उन्होंने कहा कि बेटी चाहे वह पत्नी हो मां हो, बहु हो , बहन हो, या सास हो, एक नारी ही हर तरह के नशे से बचा सकती है क्योंकि वह स्वयं नशे से बची हुई है।
मोबाइल एडिक्शन के बारे में उन्होंने बताया कि बच्चे आक्रामक हो रहे हैं, और उनका एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होता जा रहा है। प्रेगनेंसी में डिजिटल डिवाइस के उपयोग से होने वाले बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा है व उनमें दृष्टि दोष मायोपिया भी बढ़ता जा रहा है। तथा 50% जोड़े मोबाइल एडिक्शन की वजह से तलाक ले रहे हैं। इन सब से भी एक नारी ही बचा सकती है।
छात्राओं को आगाह करते हुए उन्होंने सब नशों विशेष कर शराब, तंबाकू ईत्यादि के पुरुष और महिला के शरीर पर भिन्न-भिन्न एन तुलनात्मक प्रभाव बताते हुए उन्होंने कहा कि महिला को हार्ट अटैक का खतरा दुगना, डिप्रेशन का खतरा दुगना, गर्भपात व होने वाले बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकृतियां ,हड्डियों का गलना बढ़ जाता है। इसलिए उन्हें अपनी शारीरिक और मानसिक भिन्नता के कारण हर तरह के नशे से दूर रहना चाहिए।
नशे की तीव्र इच्छा क्यों होती है, इस पर बोलते हुए डॉक्टर जैन ने अंग्रेजी अक्षर हाल्ट का उपयोग किया जिसमें एच फॉर हंगर, ए फॉर एंगर, एल फिर लोनलीनेस, टी फॉर टायर्ड नेस के कारण नशा करने की तीव्र इच्छा हो जाती है। डेट रेप ड्रग के बारे में बताते हुए उन्होंने लड़कियों को आगाह किया यह दवा रंगहीन, गंधहीन और स्वाद रहित होती है जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
नशा छुड़ाने में परिवार की भूमिका के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि महिलाएं नशा करने वाले परिजन से बहस या लड़ाई ना करें और उनके नशे को न्यायोचित न ठहराए, शंकालु न बने पर उसका पूरा इलाज कराएं। क्योंकि हर तरह के नशे को छुड़ाने में महिलाओं का सर्वाधिक रोल है।
कार्यक्रम का प्रारंभ अध्यक्ष प्रणेता तलेसरा ने किया , डॉक्टर पी सी जैन का परिचय नशा मुक्ति प्रभारी गगन तलेसरा ने किया , स्वागत लक्ष्मी कोठारी सचिव ने किया । कोषाध्यक्ष मधु सुराणा ने प्रतीक चिन्ह दिया।
हॉस्टल के वार्डन डॉक्टर पूनम एवं सहयोगी पारूल ने अणुव्रत समिति का आभार व्यक्त करते हुए डॉक्टर पीसी जैन को धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ अल्पना बोहरा भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुई।
खुशबू ,अंजलि, पूजा, काजल, सूरज, प्रियंका, सलोनी, भव्या ,इत्यादि छात्राओं ने नशा मुक्ति नृत्य "आजा रे अब मेरा दिल पुकारे रो रो के घर के सारे । बदनाम न हो ये नशा " नशा गीत में भाग लिया। प्रोत्साहन हेतु इन छात्राओं को डॉक्टर पी सी जैन द्वारा व्यक्तिगत तौर पर प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।