शीतल श्रीमाली की पुस्तक 'हंसती आंखें झरते मोती' का लोकार्पण

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06 Aug 25
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शीतल श्रीमाली की पुस्तक 'हंसती आंखें झरते मोती' का लोकार्पण

उदयपुर। साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं वैचारिक संस्था युगधारा के तत्वावधान में विज्ञान समिति सभागार अशोकनगर में डॉ शीतल श्रीमाली श्रीती’ के काव्यसंग्रह "हंसती आंखें, झरते मोती" का लोकार्पण हुआ। युगधारा संस्था की अध्यक्ष किरण बाला ‘किरन’ ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ उमाशंकर शर्मा ने की। मुख्य अतिथि पूर्व नगर परिषद सभापति रविंद्र श्रीमाली, विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार व रंगकर्मी प्रोफेसर श्रीनिवासन अय्यर, वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर मंजू चतुर्वेदी, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय निदेशक डॉ रश्मि बोहरा उपस्थित रहे। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी परमेश्वर माली भी मंच पर उपस्थित रहे।

युगधारा संस्था के संस्थापक डॉ ज्योतिपुंज ने अवगत कराया कि पुस्तक वार्ता युगधारा संस्था की अध्यक्ष किरण बाला ‘किरन’ ने की। पुस्तक में संग्रहित कई रचनाओं पर गंभीरता से चर्चा की गई। व सभी गणमान्य रचनाकारों द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। कार्यक्रम में शहर के सभी गणमान्य साहित्यकार उपस्थित रहे। शीतल श्रीमाली के स्नेहीजनों के साथ कई वरिष्ठजनों ने कार्यक्रम में भाग लिया। आभास श्रीमाली ने अपनी माता शीतल श्रीमाली का परिचय देते हुए माँ पर कविता प्रस्तुत की। महेंद्र श्रीमाली ने कवयित्री की काव्ययात्रा एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि से अवगत कराया। संचालन संस्था सचिव दीपा पंत शीतल ने किया।

इस अवसर पर सृजन विविधा गोष्ठी का भी आयोजन सभागार में एवं ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इसमें मनमोहन मधुकर, अशोक जैन, गोविन्द ओड, ज्योतिपुंज, डॉ निर्मल गर्ग, रामदयाल मेहरा, बिलाल पठान, रियाज कन्धारी व पीयूष जोशी आदि कई कवियों ने अपना काव्य पाठ एवं रचनाएँ प्रस्तुत की। काव्य गोष्ठी का संचालन बृजराज जगावत ने किया। धन्यवाद संस्था महासचिव डॉ सिम्मी सिंह ने ज्ञापित किया।


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