उदयपुर। निदेशालय महिला अधिकारिता , राजस्थान सरकार एवं एजुकेट गर्ल्स की साझा पहल के तहत आज महिला अधिकारिता परिसर, उदयपुर में ‘सक्षम साथिन कार्यशाला’ का आयोजन किया गया, जिसमें जिले से लगभग 45 से अधिक साथिनों एवं सुपरवाइजर्स ने भाग लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य साथिन बहनों को सरकारी योजनाओं, उच्च शिक्षा के अवसरों तथा आधुनिक तकनीकी विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (।प्) और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ एजुकेट गर्ल्स टीम द्वारा साथिनों के स्वागत से हुआ।
इस अवसर पर एजुकेट गर्ल्स की टीम द्वारा साथिन कार्यकर्ताओं का विस्तृत विषयों पर प्रशिक्षण किया गया। सुश्री रूपाली शर्मा ने शिक्षा सेतु योजना के तहत ओपन स्कूल में नामांकन, संबंधित प्रक्रिया एवं उच्च शिक्षा के लाभ पर जानकारी साझा की तथा योजना के तहत शिक्षा से वंचितध्ड्रॉपआउट बालिकाओ एवं महिलाओ का ओपन स्कूल में नामांकन करवानेध्बढ़ाने हेतु साथिनों को मार्गदर्शन प्रदान किया। जिसके पश्चात् साथिनों द्वारा पूछे गए नामांकन सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों एवं चुनौतियों को हल किया गया। श्री रवि मेनारिया ने प्रतिभागियों को ।प् की मूलभूत अवधारणाओं, साइबर सुरक्षा और डिजिटल टूल्स के महत्व से परिचित कराया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय जोशी, उप निदेशक, महिला अधिकारिता, उदयपुर का स्वागत एडुकेट गर्ल्स के मानव संसाधन विभाग से अनुराग सारस्वत ने किया। संजय जोशी ने साथिनों को एआई और साइबर सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी उनके रेवेन्यू विलेज में जाजम बैठक के दौरान गाँव की महिलाओ तक पहुंचाने हेतु निर्देशित किया।एडुकेट गर्ल्स टीम का धन्यवाद किया।
श्रीमती विमला वीरवाल, जेंडर स्पेशलिस्ट ने महिलाओं हेतु उपलब्ध सहायताओं एवं महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया। साथिनों ने अपने कार्यो, उपलब्धियों के बारे में बताकर सभी को प्रेरित किया तथा कुछ साथिनों ने शिक्षा सेतु योजना के तहत अपनी शिक्षाऔर सफलता के बारे में बताया। प्रशिक्षण में श्रीमती सुमन, लीगल काउंसलर, सुपरवाइजर पूजा पाटीदार और तरुणा लोहार भी मौजूद रही।
कार्यशाला का समापन प्रमाण पत्र वितरण और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। यह प्रशिक्षण सभी साथिनों को बहुत उपयोगी और मददगार लगा और उन्होंने अपने क्षेत्र की प्रत्येक महिला को शिक्षा से जोड़ने, सम्बल एवं सशक्त बनाने का संकल्प लिया। यह पहल जिले में साथिनों को तकनीकी रूप से सशक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।