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60 बसंत वरिष्ठ नागरिक परिषद ने हर्षोल्लास से मनाया अपना आठवां स्थापना दिवस

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19 Jul 25
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60 बसंत वरिष्ठ नागरिक परिषद ने हर्षोल्लास से मनाया अपना आठवां स्थापना दिवस

उदयपुर  60 बसंत वरिष्ठ नागरिक परिषद का आठवां स्थापना दिवस आज विज्ञान समिति मेरी क्यूरी सभागार में पूरे जोश के साथ मनाया गया | मन्त्रोंचार के बीच अतिथियों द्वारा दीप प्रचलन के पश्चात श्रीमती मंजू मेहता ने "नमस्कार मंत्र" पर प्रभावी प्रस्तुति दी | अपने स्वागत उद्बोधन में अध्यक्ष महेंद्र मेहता ने बताया कि ग्रुप की स्थापना 2018 मैं हुई तब से सदस्यों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है और गत वर्ष 40 नए सदस्यों का जुड़ना इस संगठन की लोकप्रियता को दर्शाता है | इस परिषद में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा गीत, चुटकुले, नृत्य, लघुनाटिका आदि प्रस्तुतियों द्वारा सदस्यों का भरपूर मनोरंजन किया जाता है जिससे ग्रुप में जीवंतता बनी रहती है |

महावीर प्रसाद जैन ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि गत वर्ष द्वि-मासिक स्नेह मिलन के साथ दो पिकनिक एवं तीन मेडिकल कैंप का आयोजन कर वर्ष पर्यन्त गतिविधियों में सभी 140 सदस्यो ने जीवन साथी सहित सक्रियता से भाग लिया |

 

इनका हुआ विशेष सम्मान :-

 जीवन के 80 बसंत पार कर चुके 8 सदस्यों का माला, पगड़ी, शॉल एवं सम्मान पत्र से बहुमान, वैवाहिक जीवन की स्वर्ण जयंती मना रहे चार दंपति, विज्ञान समिति अध्यक्ष प्रोफेसर महीप भटनागर, मुस्कान क्लब उपाध्यक्ष सूरजमल पोरवाल, मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा का पगड़ी माला, ऊपरण से अभिनन्दन किया गया| गत वर्ष में राज्य स्तरीय उपलब्धियां के लिए राजेंद्र कुमार सिंघवी एवं महावीर प्रसाद जैन को सम्मानित किया गया | साथ ही जून - जुलाई माह में जन्मदिन अथवा विवाह की वर्षगांठ मना रहे सदस्यों का सम्मान कर उनके सुदीर्घ जीवन की मंगलकामना की गई |

मीडिया प्रभारी प्रोफेसर  विमल शर्मा ने बताया है कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉक्टर प्रेम सुमन जैन  व विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति ऐम पी यू ए टी प्रो उमाशंकर शर्मा थे |  अध्यक्ष एमके मेहता, संरक्षक आरपी गुप्ता,  उपाध्यक्ष नरेंद्र जोशी,  संस्थापक सचिव ओपी सोनी, महासचिव एमपी जैन, मुख्य सलाहकार एससी के वेद ने मंच साँझा किया|

ऐम के मेहता ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए बताया की डी लिट की उपाधि व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ सुमन साहित्य व दर्शन के एक हस्ताक्षर हैं| हम ऐसी प्रतिभा को अपने बीच पाकर गौरव की अनुभूति कर रहे हैं | अपने उद्बोधन में प्रो प्रेम सुमन ने कहा की कथा के माध्यम से शिक्षा देने की प्राचीन प्रथा भारत की देना है | उन्होंने रामायण में सीता माता की खोज के अध्यात्मिक पहलु, मधुर बिन्दु दृष्टांत की सीख एवं छोटी-छोटी चीज़ो में आसक्ति से बड़े लक्ष्य को बिसार देने की प्रवृति को उदाहरण देकर समझाया | उन्होंने समापन में  कहाँ कि संकल्प की अपार शक्ति से हर मनुष्य शून्य से शिखर तक पहुंचने का सामर्थ रखता हैं |

 

महिला सदस्यों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियों से माहौल संगीतमय हो गया|  श्रीमती सुषमा जोशी ने "सईया छोड़ देवें", श्रीमती सुमित्रा मुणोत ने " राजस्थानी नृत्य " श्रीमती हीना ने सिंधी हिंदी प्रस्तुति, वही सुनीता शर्मा, अनीता गोयल, कमलेश गर्ग, सुमित्रा मुणोत ने ग्रुप डांस से समां बांधा | डॉ प्रभारानी गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपनी कविता "अग्नि पथ है सारा जीवन " सुनाई | आभार नरेंद्र जोशी ने व्यक्त किया व राष्ट्र गान व स्वरुची भोज से कार्यक्रम का समापन हुआ|


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