GMCH STORIES

गाइड-वन्स अगेन नाटक का प्रथम मंचन

( Read 839 Times)

01 Oct 25
Share |
Print This Page
गाइड-वन्स अगेन नाटक का प्रथम मंचन

 
करीब 60 वर्ष पूर्व रूपहले पर्दे पर प्रदर्शित हुई एवरग्रीन देव आनंद की फिल्म गाइड का जादू एक बार फिर जीवंत हो उठा। उदयपुर में फिल्माई गई इस फिल्म से प्रेरित होकर साहित्यकार और उपनिदेशक जनसंपर्क गौरीकान्त शर्मा द्वारा लिखित पुरस्कृत कहानी गाइड-वन्स अगेन का शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवराज सोनवाल के निर्देशन में जब कलाकारों ने मंच पर नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया तो दर्शक मुग्ध से हो उठे। कथानक और संवाद के साथ निर्देशन की कसावटी ऐसी रही जैसे दर्शकों को लगा कि ऐसा ही कुछ कुछ रोज उनके इर्दगिर्द घटित होता है। गाइड वन्स अगेन के माध्यम से उदयपुर के पर्यटन को नई पहचान दिलाने वाली भारतीय सिनेमा की कालजयी कृति को न केवल रंगमंचीय श्रद्धांजलि अर्पित की गई, अपितु उदयपुर और मेवाड़ की सांस्कृतिक और गौरवशाली धरोहर की गहराईयों से युवाओं को जोड़ने का प्रयास हुआ।

 
शहर के कलाकारों के ग्रुप मौलिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ क्रिएटिव एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स और जीआर फिनमार्ट के संयुक्त तत्वावधान में नाटक “गाइड दृ वन्स अगेन” का पहला मंचन रविवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के न्यू ऑडिटोरियम में हुआ। जबकि नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना और निर्देशन शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवराज सोनवाल ने किया। उदयपुर के दिल से जुड़ी इस कहानी और उसके मंच को देखने और सराहने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। इनमें ख्यातनाम रंगकर्मी, कलाकार, साहित्य जगत से जुड़े लोग, कलाप्रेमी तथा आम नागरिक भी शामिल रहे।
 

कार्यक्रम के अतिथि के रूप में कश्ती फाउण्डेशन की अध्यक्ष श्रद्धा मुर्डिया, नामचीन महिला व्यवसायी श्रद्धा गट्टानी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कलाप्रेमी एडीजे कुलदीप शर्मा और शिक्षाविद् पीयुषचंद्र दशोरा उपस्थित रहे। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत किया गया। गाइड वन्स अगेन कहानी के लेखक गौरीकान्त शर्मा ने आंगतुकों का स्वागत करते हुए कहानी की रूपरेखा प्रस्तुत की।
 
उदयपुर की जड़ों से जुड़ा नाटक
प्रसिद्ध फिल्म “गाइड” की अधिकांश शूटिंग उदयपुर और आसपास के क्षेत्रों में हुई थी। 1965 में प्रदर्शित इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को नया आयाम दिया और साथ ही उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिलाई। इसी पृष्ठभूमि को आधार बनाकर प्रस्तुत किया गया नाटक “गाइड दृ वन्स अगेन” मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा और विरासत को पुनः जीवंत करने का प्रयास रहा।
नाटक की कथा उदयपुर शहर के जगदीश चौकदृगणगौर घाट क्षेत्र में एक गाइड राजू और रूस से आई शोधार्थी स्वेतलाना के बीच पनपते निश्छल प्रेम पर केंद्रित रही। इसे बेहद खूबसूरत अंदाज में रंगमंच पर जीवंत किया गया। नाटक के माध्यम से जहां एक ओर उदयपुर की शान झीलों को स्वच्छ और संरक्षित रखने का महत्वपूर्ण संदेश दिया गया, वहीं दूसरी ओर अपनी माटी से जुड़ाव को भी बहुत भावनात्मक रूप से अभिव्यक्ति दी गई।
 
साहित्य और रंगकर्म का संगम
यह नाट्य प्रस्तुति फिल्म “गाइड” को रंगमंचीय श्रद्धांजलि रही। इसकी कहानी साहित्यकार गौरीकान्त शर्मा ने लिखी, जबकि नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना और निर्देशन शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवराज सोनवाल ने किया। दर्शकों ने इसे एक यादगार अनुभव बताया, जिसने उन्हें उस जादुई एहसास से रूबरू कराया जिसने “गाइड” को कालजयी बनाया और उदयपुर को विश्व मानचित्र पर स्थापित किया। नाटक के सफल मंचन के साथ ही उदयपुर की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः पहचान दिलाने की दिशा में यह आयोजन मील का पत्थर साबित हुआ।
 
कलाकारों ने जीवंत की स्मृतियां
“गाइड-वन्स अगेन” नाटक के मुख्य पात्र गाइड के किरदार को कुलदीप धाभाई ने अपने बेजोड़ अभिनय से जीवंत कर दिया। स्वेतलाना के किरदार को यशस्वी श्रीवास्तव व शोना मल्होत्रा ने भावों की अभिव्यक्ति के अपने हूनर से दर्शकों के दिलों पर स्थापित कर दिया। नाटक में पायल मेनारिया, निखिल सत्संगी (अमी), अमित व्यास, मानस जैन, यश कुमावत, प्रवर खंडेलवाल, सुखदेव राव, गुनीशा एवं प्रद्युम्न ने विभिन्न भूमिकाओं को जीवंत किया। वस्त्र परिकल्पना रेखा शर्मा की है वहीं संगीत डिजाइन एवं लाइव गायन दिविषा घारू का रहा।

Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like