एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर में कोई जॉइनिंग फीस, ब्याज, भुगतान में देरी पर जुर्माना या अन्य छिपे हुए चार्ज नहीं हैं, जिससे लागत में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
एएनपीएल में प्रोडक्ट लिस्टिंग एड (पीएलए), प्रोडक्ट कॉन्टेक्स्चुअल एड (पीसीए) और रिकमेंडेड कैंपेन समेत कई तरह के एड फॉर्मेट के विकल्प दिए गए हैं।
सेलर्स को इस व्यवस्था से आसानी से जोड़ने के लिए पोर्टल पर स्टेप-बाय-स्टेप वीडियोज एवं गाइड्स समेत अन्य एजुकेशनल मैटेरियल उपलब्ध कराए गए हैं।
नई दिल्ली, 1भारत के घरेलू ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने अपने सेलर्स के लिए नवीनतम इनोवेशन ‘एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर’ (एएनपीएल) की पेशकश की है। यह एक अनूठी पहल है, जिसके माध्यम से सेलर्स को डिजिटल विज्ञापनों की क्षमता का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। एएनपीएल के माध्यम से सेलर्स को पहले से कोई भुगतान किए बिना ही एडवर्टाइजिंग कैंपेन चलाने का मौका मिलेगा। इससे उनकी विजिबिलिटी व पहुंच बढ़ेगी और स्ट्रेटजिक एड प्लेसमेंट के माध्यम से कारोबारी विकास के नए अवसर खुलेंगे। इस पहल ने छोटे-बड़े सभी तरह के कारोबारियों को विकास को गति देने का नया रास्ता दिया है और तेजी से बढ़ती डायनामिक डिजिटल रिटेल की दुनिया में प्रभावी तरीके से हिस्सा लेने में सक्षम बनाया है।
पहुंच एवं भरोसा बढ़ाने के लिए शुरू की गई इस पहल में कोई ब्याज, कोई जॉइनिंग फीस, कोई जुर्माना और कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं है। विज्ञापन पर होने वाले खर्च को फ्लिपकार्ट पर अगले महीने होने वाली सेलर की कमाई में से काट लिया जाता है। सेलर्स को रियल टाइम में यह जानने का मौका मिलता है कि कैंपेन कैसा प्रदर्शन कर रहा है। साथ ही वे फ्लिपकार्ट एड्स पोर्टल के माध्यम से रियल टाइम में बिलिंग पर नजर रख सकेंगे। इस व्यवस्था में प्रोडक्ट लिस्टिंग एड्स (पीएलए), प्रोडक्ट कॉन्टेक्स्चुअल एड्स (पीसीए) और रिकमेंडेड कैंपेन जैसे कई फॉर्मेट को शामिल किया गया है, जिससे वे ज्यादा स्मार्ट तरीके से और डाटा के आधार पर विज्ञापन का फैसला कर सकेंगे।
अब तक इस व्यवस्था पर 24,000 से ज्यादा सेलर्स ने भरोसा जताया है। फ्लिपकार्ट के एएनपीएल फीचर ने लाइन-ऑफ-क्रेडिट आधारित फाइनेंसिंग मॉडल पेश किया है, जिसने सेलर्स द्वारा डिजिटल विज्ञापन करने के तरीके को नई परिभाषा दी है। पारंपरिक एड क्रेडिट प्रोग्राम में पहले से भुगतान करना पड़ता है या फिर पोस्टपेड मॉडल में आरओ, पीओ और कई तरह की मंजूरियों की जरूरत होती है। वहीं एएनपीएल में फ्लिपकार्ट पर सेलर की कमाई को ही कोलैटरल की तरह माना जाता है। इसमें कोई पेपरवर्क नहीं होता, जिससे पहुंच सुगम होती है और वित्तीय परेशानियां नहीं आती हैं। इस खूबी के साथ एएनपीएल ने खुद को आज की तारीख में बाजार में सबसे ज्यादा समावेशी एवं सेलर-फ्रेंडली एडवर्टाइजिंग सॉल्यूशन के रूप में प्रस्तुत किया है।
एएनपीएल को सरलता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सेलर्स एड्स पोर्टल पर एएनपीएल बैनर पर क्लिक करके आसानी से इस सुविधा को शुरू किया जा सकता है। ऑनबोर्डिंग के अनुभव को आसान बनाने के लिए प्लेटफॉर्म पर स्टेप-बाय-स्टेप वीडियोज एवं गाइड्स के रूप में सेल्फ-सर्व रिसोर्स दिए गए हैं। इससे किसी फॉर्मल ट्रेनिंग या व्यक्तिगत मदद की जरूरत ही नहीं रह जाती है। इससे फ्लिपकार्ट पर विज्ञापन देना सुगम, दक्ष एवं सुविधाजनक हो जाता है।
एएनपीएल को लेकर फ्लिपकार्ट एड्स के वाइस प्रेसिडेंट एवं जनरल मैनेजर विजय अय्यर ने कहा, ‘फ्लिपकार्ट में हम विज्ञापन को ज्यादा समावेशी, सुगम और परिणाम आधारित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर’ के माध्यम से हम छोटे कारोबारियों, नए ब्रांड एवं पहली बार विज्ञापन देने वालों के सामने आने वाली वित्तीय एवं परिचालन संबंधी चुनौतियों को दूर कर रहे हैं। पहले से भुगतान की जरूरत खत्म करते हुए और पहुंच आसान बनाते हुए एएनपीएल ने अपने सेलर्स को प्रोडक्ट विजिबिलिटी बढ़ाने, तेजी से विस्तार करने और सतत विकास में सक्षम बनाया है। यह सिर्फ एक फीचर नहीं है, बल्कि फ्लिपकार्ट पर डिजिटल एडवर्टाइजिंग को लोकतांत्रिक बनाते हुए सेलर्स को सशक्त बनाने के हमारे मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’
फ्लिपकार्ट के सेलर एजरो डील के मालिक श्री अजय पांडे ने इस पहल को लेकर कहा, ‘एएनपीएल से मुझे पूरे महीने सुकून रहता है। पहले से कोई भुगतान नहीं और न ही रोजाना कोई ट्रांसफर, सिर्फ और सिर्फ तरक्की। मैं सिर्फ सेल्स पर ध्यान देता हूं और बाकी सब कुछ यह फीचर खुद संभाल लेता है।’
फ्लिपकार्ट अपने सेलर्स को सक्षम बनाने के प्रयासों को लगातार विस्तार दे रहा है और ऐसे में ‘एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर’ इस दिशा में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है, जो हजारों उद्यमियों के सपनों और प्रयासों के बीच की दूरी को कम कर रहा है। इस पहल से ऐसा समावेशी ई-कॉमर्स बनाने की फ्लिपकार्ट की प्रतिबद्धता को मजबूती मिली है, जहां छोटे-बड़े हर कारोबारी के पास इस डिजिटल इकोनॉमी में कदम रखने और आगे बढ़ने के लिए जरूरी टूल्स उपलब्ध हों।