जीवन में प्राप्त साधनों का सदुपयोग करेंःऋषभरत्न विजय
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20 May 18
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उदयपुर। ऋषभरत्न विजय महाराज ने कहा कि मनुश्य को जीवन में प्राप्त साधनों का सदुपयोग करना चाहिये।
वे आज आचार्य पद्मभूशणरत्न सूरीष्वर महाराज की निश्रा में श्री जैन ष्वेताम्बर मूर्ति पूजक जिनालय संघ द्वारा हिरणमगरी से. ४ स्थित शान्तिनाथ जिनालय में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्हने कहा कि मनुश्य के पास प्राप्त पंाच इन्दि्रयों में से सबसे तेज इन्दि्रय रसना इन्दि्र है जिसके दो काम वाद करना और स्वाद लेना है। इस इन्दि्र के तुफान से षरीर बिगडता है और संबंध भी टूटते है। अतः वाणी का प्रयोग सोच समझ कर करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पानी के छानकर पीया जाता है ठीक उसी प्रकार भी वाणी को कडवें षब्दों को छाटंकर मीठे षब्दों का उपयोग करना चाहिये।
संघ के अध्यक्ष सुशील बांठिया ने कहा कि रविवार को मालदास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन में प्रवचन होंगे। वहंा से २३ से २९ मई तक ईसवाल जैन मन्दिर तीर्थ में १३ से ३५ वर्श तक के युवकों के लिये आयोजित होने वाले आध्यात्मिक षिविर में भाग लेंगे।
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