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औद्योगिक विकास के साथ प्रदूषण पर नियंत्रण भी जरूरी ः शैलजा देवल

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15 Sep 19
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औद्योगिक विकास के साथ प्रदूषण पर नियंत्रण भी जरूरी ः शैलजा देवल

उदयपुर,”नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा एनवायरनमेन्टल कम्पनसेशन कॉस्ट लागू की गई है जिसके तहत पर्यावरण नियमों की अनुपालना नहीं करने वाले उद्योगों को तय मानकों के अनुसार भारी जुर्माना भरना पडेगा।“उपरोक्त जानकारी श्रीमति शैलजा देवल ने यूसीसीआई में दी।

उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संयुक्त तत्वाधान में चैम्बर भवन के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में प्रदूषण नियंत्रण पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जयपुर की सदस्य सचिव श्रीमति शैलजा देवल मुख्य अतिथि थी।

कार्यक्रम के आरम्भ में यूसीसीआई के अध्यक्ष श्री रमेश कुमार सिंघवी ने संगोष्ठी में उपस्थित प्रदूषण नियंत्रण मण्डल सभी अधिकारिय एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। श्री सिंघवी ने पर्यावरण विभाग द्वारा नई व्हाईट केटेगरी के तहत कुछ उद्योगों को अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया से मुक्त किये जाने के लिये आभार व्यक्त किया। श्री सिंघवी ने बताया कि केन्द्रीय भूजल विभाग (सीजीडबल्यूए) के तहत १००० के लगभग अनुमतियां पेण्डिग होने की समस्या को लेकर यूसीसीआई के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट की है। श्री सिंघवी ने सुझाव दिया कि सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिये नई तकनीक के विकास पर ध्यान देना चाहिये।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री बी.आर. पंवार ने यूसीसीआई के सदस्यों एवं कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भारी जुर्माना लगाने के लिये राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को दिशा निर्देश दिये गये हैं। श्री पंवार ने उद्योगों से ”जीरो डिसचार्ज“ मेन्टेन करने का आव्हान किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जयपुर की सदस्य सचिव श्रीमति शैलजा देवल ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा उदयपुर में वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने के कारण ”नॉन अटेनमेन्ट सिटी“ घोषित कर दिया है। एयर क्वालिटी इण्डेक्स में यहां पर वायु प्रदूषण का स्तर अधिक पाये जाने के कारण वायु को प्रदूषित करने वाले नये उद्योगों को अनुमति नहीं प्रदान की जायेगी। श्रीमति शैलजा देवल ने उद्योगों से अधिक से अधिक संख्या में पेड लगाने का आव्हान किया जिससे उदयपुर को इस सूची से बाहर निकाला जा सके।

श्रीमति शैलजा देवल ने आने वाली पीढी के लिये शुद्ध हवा और शुद्ध जल उपलब्ध रखने के लिए एक प्रेरणास्पद लघु चलचित्र का प्रदर्शन किया।

प्रश्नकाल के दौरान सेमिनार में उपस्थित उद्यमियों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से सम्बन्धित समस्याएं श्रीमति शैलजा देवल के सामने रखते हुए इनके निराकरण पर चर्चा की।

कार्यक्रम में संरक्षक श्री अरविन्द सिंघल, पूर्वाध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत, उपाध्यक्ष श्री मनीष गलूण्डिया, श्री जी.एस. सिसोदिया आदि सदस्यों ने विचार रखे।

संगोष्ठी के दौरान यूसीसीआई की प्रदूषण नियंत्रण सब कमेटी के चेयरमैन पूर्वाध्यक्ष श्री विनोद कुमट ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन में जागरूकता उत्पन्न किए जाने पर बल दिया। उन्होंने संगाष्ठी में उपस्थित सभी उद्यमियों से पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण की सुरक्षा के सबंध में अपने सुझाव यूसीसीआई को भिजवाए जाने की अपील की।

सेमिनार में उदयपुर सम्भाग के १५० से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन यूसीसीआई की मानद महासचिव श्री प्रतीक हिंगड ने किया। कार्यक्रम के अन्त में यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हेमन्त जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।


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