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हाथों में रची मेहंदी, महिला संगीत में झूमे दिव्यांगजन

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08 Sep 19
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हाथों में रची मेहंदी, महिला संगीत में झूमे दिव्यांगजन

उदयपुर। हाथों में जब मेहंदी रची तो चेहरों पर लालिमा छा गई। बरसों के इंतजार के बाद खुशियों के पलों ने झूम कर दस्तक दी तो दिव्यांगजन और उनके परिजनों के कदम भी थिरक उठे। देश-विदेश से आए भामाशाह सम्मान पाकर अभिभूत हुए और सभी जोड़ों को खूब शुभाशीष देते हुए उद्गार जताए कि मानव सेवा से बढक़र दूसरा कोई धर्म नहीं। शाम को झमाझम बारिश के बीच बिंदौली निरस्त करनी पड़ी।
यह समां था नारायण सेवा संस्थान के 33वें सामूहिक विवाह समारोह की शनिवार को हुई रस्मों का। सुबह उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान आदि से आए 51 दिव्यांग एवं निर्धन परिवारों के जोड़ों का लियों का गुड़ा बड़ी स्थित दिव्यांगजनों के स्मार्ट विलेज में बनाए गए विशेष पांडाल में भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद गणपति स्थापना की रस्म हुई जिसमें प्रथम पूज्य देवता को सामूहिक विवाह के लिए ढोल-नगाड़ों के साथ न्योता दिया गया। इसके बाद दोपहर में मेहंंदी की रस्म शुरू हुई।
संस्थान की निदेशक वंदना अग्रवाल ने दुल्हनों को मेहंदी लगाकर रस्म की शुरुआत की और बारी-बारी से सभी सजी-धजी दिव्यांग वधुओं के हाथों में मेहंदी रचाई गई। पारम्परिक गीतों ने समां बांध दिया तो परिजनों ने लोकगीतों से माहौल में रंग भरा। इसके बाद महिला संगीत की रस्म हुई जिसमें दिव्यांगों ने अपना टेलेंट दिखाया जिसमें योगेश और जगदीश के स्टंट ने देखने वालों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। व्हील चेयर पर दी गई प्रस्तुतियों को भी खूब पसंद किया गया। परिजनों और दानदाताओं ने दर्शक दीर्घा में एकल और सामूहिक नृत्य कर मंच की नृत्य प्रस्तुतियों पर साथ दिया। पांच साल के अहमद रजा जिनके दोनों हाथ नहीं हैं, मगर उनका स्टेज पर हौसल देखते ही बना।
सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने आए देश-विदेश के भामाशाहों का सम्मान किया गया। भामाशाह सम्मान समारोह में बारी-बारी से 300 भामाशाहों ने सम्मान प्राप्त किया। प्रमुख भामाशाहों में मनोज बरोत एटलांटा अमेरिका, दिल्ली से प्रेम निजावन और अंजु क्वात्रा, एसपी कालरा, हरीशचंद्र शर्मा गुडग़ाव, राव दिलीपसिंह, अलका चौधरी हैदारबाद, विष्णुशरण सक्सेना भोपाल, लुधियाना के रमेशकुमार शर्मा का सम्मान हुआ। इस दौरान नारायण सेवा संस्थान के संरक्षक पद्मश्री कैलाश ‘मानव’, सह संस्थापिका कमलादेवी अग्रवाल, संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक वंदना अग्रवाल, ट्रस्टी जगदीश आर्य, देवेंद्र चौबीसा मौजूद थे। समारोह का संयोजन गौरव शर्मा, दल्लाराम पटेल, रोहित तिवारी ने किया।
सामूहिक विवाह रविवार को :
अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि रविवार 8 सितंबर को लियों का गुड़ा बड़ी स्थित संस्थान परिसर में भव्य सामूहिक विवाह समारोह होगा जिसमें राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित देश के कई राज्यों के जोड़े एक-दूसरे का हाथ थामेंगे। कई दूल्हा-दुल्हन जन्मजात या फिर किसी दुर्घटना की वजह से नि:शक्तता का दंश झेल रहे हैं तो कुछ में एक भावी जीवन साथी नि:शक्त है। विवाह स्थल पर 51 विवाह वेदियां तैयार की गईं हैं। मुख्य आचार्य के मार्गदर्शन में विवाह की सभी रस्में विधि विधान के साथ संपन्न होंगी। रविवार सुबह 10 बजे तोरण और वरमाला की रस्में संपन्न होंगी। शुभ मुहूर्त में पाणिग्रहण संस्कार होगा। वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए गुजरात, दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, मेरठ, आगरा, पंजाब, जोधपुर, सूरत, राजकोट आदि शहरों से संस्थान के सहयोगी एवं अतिथिगण पधारे हैं।
हाइड्रोलिक मंच पर वरमाला, डोली में आएगी दुल्हन :
वरमाला के दौरान दुल्हनें गाजे-बाजे के साथ पालकी में सवार होकर आएंगी। हाइड्रोलिक मंच पर वरमाला की रस्म होगी। विदाई की रस्म भी डोली में होगी। इस अवसर पर भामाशाहों की ओर से जोड़ों को उपहार भी दिए जाएंगे।


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