मंगलवार को संस्कृतभारती चित्तौड़ प्रांत द्वारा संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत आज संस्कृत कथा कथन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने पञ्चतन्त्र पुराण उपनिषद् , बेताल बत्तीसी आदि काव्य कथाएं प्रस्तुत की।
उदयपुर महानगर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया ने बताया कि यह संस्कृत कथा कथन प्रतियोगिता कनिष्ठ,वरिष्ठ और महाविद्यालय वर्ग में आयोजित की गई जिसमें लगभग प्रान्त के 12 जिलों से 92 पंजीयन हुए।
उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में उदयपुर से विट्टी इंटरनेशल, इंडो अमेरिकन, अजमेर से माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, मयूर स्कूल, मेयो कॉलेज, बारां, दिल्ली, वाराणसी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आदि कई स्थानों से प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर संयोजक तरुण मित्तल ने बताया कि कथा कहना किसी कौशल से कम नहीं। और जब इस कौशल में अभिनय का भी पुट मिल जाए तो कहना ही क्या।
कथा कहने और सुनने की परंपरा सदियों से रही है परन्तु संस्कृत में कथा कहना बड़ा ही अद्भुत प्रतीत होता है। परन्तु छात्रों ने इस संस्कृत कथा कथन स्पर्धा में नीतिपरक/ बुद्धिपरक कथाओं के साथ साथ बाल कथा को साभिनय प्रस्तुत किया तो किसी ने कथा की लयात्मकता प्रस्तुति के साथ विभिन्न रोचक व मनोरंजक व प्रभावी कथाओ के माध्यम से अपनी कथा कथन शैली का लोहा मनवाया ।
सम्पर्क प्रमुख हिमांशु भट्ट ने बताया कि इस स्पर्धा के निर्णायक बारां से मीठालाल माली तथा बूंदी से रवीन्द्र शर्मा
रहें ।
प्रतियोगिता का परिणाम अंतिम दिन 6 अगस्त को समापन कार्यक्रम में घोषित किया जाएगा तथा सभी प्रतिभागियों को ई प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
इस अवसर पर प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या, डॉ यज्ञ आमेटा, नरेंद्र शर्मा, रेखा सिसोदिया, हिमांशु भट्ट, मंगल कुमार जैन, चैन शंकर दशोरा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।