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भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ने दिया ताराराम को नवजीवन

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11 Nov 17
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भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ने दिया ताराराम को नवजीवन उदयपुर / राज्य सरकार द्वारा संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना किसी के जीवन को कैसे बचा सकती है, उसका जीवन्त उदाहरण गुरूवार को देखने को मिला जब शहर के एक निजी चिकित्सालय के चिकित्सकों ने इतिहास रचते हुए सिरोही निवासी 53 वर्षीय ताराराम के ह्नदय में पनपी अब तक की सबसे बड़ी गाँठ को सफलतापूर्वक बाहर निकालकर उसे गंभीर रोग से निजात दिलाई। ऐसे समय में जबकि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक हडताल पर चल रहे है एवं मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहां निजी चिकित्सालय के चिकित्साधिकारियों ने दुनिया का सफलतम ऑपरेशन कर एक मिसाल कायम की है।
हुआ यूं कि सिरोही निवासी ताराराम के ह्नदय में दर्द रहता था। जब उसने जाँच करवायी तो पता चला कि हृदय के अन्दर हृदय के ही आकार जितनी बड़ी गांठ है। इस गांठ को तुरंत ऑपरेशन कर बाहर निकालना आवश्यक था अन्यथा रोगी की मृत्यु तय थी। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से आमजन के लिए जीवनदायिनी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ताराराम के लिए वरदान बनकर सामने आई जिसके तहत निजी अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। शहर के निजी अस्पताल गीतांजलि में इलाज करवाने आए ताराराम को भामाशाह कार्ड के आधार पर योजना के तहत निःशुल्क इलाज हेतु भर्ती किया गया। सभी जांच के बाद अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने सफलतापूर्वक जटिल ऑपरेशन करते हुए उसे नया जीवनदान दिया।
गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के कार्डियक थोरेसिक एवं वेसक्यूलर सर्जन डॉ संजय गांधी के अनुसार ताराराम के हृदय का यह ट्यूमर दुनिया के मेडिकल इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा ट्यूमर था। गांधी ने 11.5 सेंटीमीटर बड़े ट्यूमर का सफल ऑपरेशन कर ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकाल कर रोगी को निजात दिलाई। जानकारी के अनुसार इससे पूर्व सेंट ल्यूक एपिसकोपल, टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट में 11 सेंटीमीटर बड़े हृदय के ट्यूमर को बाहर निकाला गया था। डॉ गांधी के साथ कार्डियक वेसक्यूलर एवं थोरेसिक सर्जन डॉ सुरेंद्र पटेल, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ अंकुर गांधी, डॉ कल्पेश मिस्त्री, डॉ मनमोहन जिंदल एवं डॉ धर्मचंद जैन और कार्डियोलोजिस्ट की टीम ने यह सफल ऑपरेशन किया।
उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा एवं जिला कलक्टर श्री बिष्णुचरण मल्लिक रोगी की कुशलक्षेम पूछने अस्पताल पहंुचे। उन्होंने प्रशंसा व्यक्त करते हुए गीतंाजली के डॉ. संजय गंाधी एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी। साथ ही भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए गंभीर रोग से एक गरीब व्यक्ति को निजात दिलाने पर मुख्यमंत्री महोदया श्रीमती वसुंधरा राजे का साधुवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आम जनता का आह्नान किया कि राजस्थान के ज्यादा से ज्यादा लोग भामाशाह का पंजीकरण करावें एवं मुख्यमंत्री महोदय के निरोग राजस्थान के सपने को साकार करें। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टांक भी मौजूद थे।
यह था मामला
कार्डियोलोजिस्ट ने बताया कि सिरोही निवासी तारा राम (उम्र 53 वर्ष) सांस फूलने, पांव में सूजन और कमजोरी के चलते गीतांजली हॉस्पिटल में आपातकालीन स्थिति में आया था। उस वक्त रोगी सीधा सो भी नहीं पा रहा था। सिरोही जिले के ही निजी हॉस्पिटल में गत पिछले 4-5 साल से रोगी का हृदय में छेद का इलाज चल रहा था। ईको-कार्डियोग्राफी की जांच से पता चला कि रोगी के हृदय में बहुत बड़ा ट्यूमर है। साथ ही एंजियोग्राफी की जांच धमनियों में ब्लॉकेज देखने के लिए की गई जो सामान्य थी।
चिकित्सकों ने यह किया
कार्डियक सर्जन डॉ संजय गांधी ने रोगी के हृदय को खोल कर ट्यूमर को निकाला और उसे हार्ट-लंग मशीन पर रख कर ऑपरेशन किया। यह ट्यूमर रोगी के हृदय से बिल्कुल चिपका हुआ था इसलिए काफी सावधानी से उसको बाहर निकाला गया क्योंकि अगर इस ट्यूमर का एक भी टुकड़ा हृदय में रह जाता तो बड़ी मुसीबत हो जाती और लकवा होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती। इस सर्जरी को कार्डियक ट्यूमर रिमूवल कहते है। इस सर्जरी में 4 घंटें का समय लगा। साथ ही वॉल्व के अंतिम छोर के रक्तस्त्राव को भी टांकें लगा बंद किया। रोगी के सफल ऑपरेशन के कारण उसे दूसरे ही दिन वेंटीलेटर पर से भी हटा दिया गया और अब वह पूर्णतः स्वस्थ है।
क्यों जटिल था यह मामला?
डॉ गांधी ने बताया कि हृदय में ट्यूमर बहुत दुलर्भ और खतरनाक होते है। ऐसे ट्यूमर अन्य अंगों की तुलना में शरीर के किसी भी अंग में फैलते नहीं है केवल हृदय में ही रहते है। ऐसे रोगियों का इलाज अति शीघ्र करने की आवश्यकता होती है अन्यथा हृदयघात या ब्रेन स्ट्रोक से रोगी की मृत्यु हो सकती है।
डॉ गांधी ने यह भी बताया कि पूर्ण आबादी में से कुछ 0.0017 प्रतिशत में ही यह परेशानी होती है। आमतौर पर हृदय में गांठ आनुवांशिक कारणों से होती है।

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