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भारतीय जन मानस मनोवैज्ञानिक रूप से कोविड-19 का सामना करने के लिए तैयार - डाॅ रेखा पालीवाल

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27 May 20
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भारतीय जन मानस मनोवैज्ञानिक रूप से कोविड-19 का सामना करने के लिए तैयार - डाॅ रेखा पालीवाल

ग्ुरू नानक कन्या स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, उदयपुर के मनौवैज्ञानिक सकांय के मनौवैज्ञानिक डाॅ. रेखा पालीवाल के नेतृत्व में डाॅ रूकमणी राधास्वामी तथा टीम द्वारा कोविड़-19 महामारी तथा इसे रोकने के प्रयासों के चलते किये जा रहे लाकडाउन एवं प्रदत्त निर्देशा का आमजनता पर पडने वाले शारीरिक तथा मानसिक एवं भावनात्मक प्रभावों का अध्ययन किया गया। 

केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त निर्देशो तथा लाॅकडाउन से आम जनता की मनस्थिति, मानसिक स्वास्थ तथा भावनात्मक स्थिति के आंकलन हेतु आयोजित ई-सर्वे में पाँच बिन्दु मापनी पद्वति से तैयार की गई प्रश्नावली द्वारा लगलभ 1500 व्यक्तियों से इस हेतु प्रश्न पुछे गये। प्राप्त आंकडो के अन्वेषण द्वारा कोरोना महामारी की भीषणता को अत्यधिक उच्च स्तर पर मापा गया। इसके बचाव के लिए मास्क लगाने एवं सामाजिक एवं व्यक्तिगत दूरि सुनिश्चित करना तथा इसके ईलाज हेतु किये जा रहे प्रयासों में आम जनता का विश्वास दृष्टिगोचर होता है। 

इस परिक्षण से कोविड-19 का दैनिक जीवन पर गहरा प्रभाव परिलक्षित हुआ साथ ही लाॅक डाउन को प्रभावी कदम मानते हुए जनमानस ने इसके सकारात्मक पहलु को प्राथमिकता देते हुए, स्कूल तथा कोलेज आदि को बन्द करने एवं लाॅकडाउन को चरणबद्ध तरिके से खालने के निर्णय को उचित माना। 

उक्त स्टडी के निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि भारतीय जन मानस मनोवैज्ञानिक रूप से कोविड-19 का सामना करने के लिए तैयार है तथा इसके रोकथाम में उठाए गये कदमों को उचित मानता है।

 

 

 


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