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16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह

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01 Mar 20
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16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह

उदयपुर  : 16 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह के पाँचवे दिन सामाजिक विघटन पर आधारित नाटक  दरकते रिश्ते का मंचन हुआ।भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि 69वें स्थापना दिवस पर दि परफोरमर्स, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग,राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर, अंग्रेजी विभाग जर्नादन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ, के सहयोग से दिनांक 25 फरवरी 2020 से आयोजित किये जा रहे 6 दिवसीय 16 वें पद्श्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह में दिनांक  29 फरवरी को अंतराल थियेटर गु्रप, जयपुर के कलाकारों द्वारा वरिष्ठ नाट्य निर्देशक डाॅ. रवि चतुर्वेदी द्धारा निर्देशित नाटक ‘‘ दरकते रिश्त का सफल मंचन किया गया।

उन्होने बताया कि शेक्सपियर के प्रसिद्ध नाटक किंग लियर’’ का भारतीय रूपांतरण नाटक  दरकते रिश्ते प्रसिद्ध नाट्यकार रणवीर सिंह द्धारा रूपांतरित किया गया।  जिसका मंचन प्रसिद्ध रंगकर्मी रवि चतुर्वेदी के निर्देशिन में किया गया। नाटक में बहुत ही खूबसूरती से भारतीय समाज और राजनैतिक परिदृश्य के सामाजिक विरोधाभास को राजस्थानी पृष्ठभूमि में रखकर एक भिन्न  संस्कृति के आंतरिक गुण का संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया गया। आज के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक विघटन रिश्तों की दरारों को नाटक में शानदार ढंग से दिखाया गया । नाटक की प्रस्तुति से लगा कि शेक्सपीयर के ग्रंथों को इतिहास से अलग नहीं किया जा सकता। 

उन्होने यह भी बताया कि नाटक दरकते रिश्ते का मंचन  सर्वप्रथम सन 2009  में कोरिया में डॉ रवि चतुर्वेदी के निर्देशन में कोरियाई भाषा में कोरियाई अभिनेताओं के साथ किया गया था जंहा इसकी पृष्ठभूमि राजस्थानी ही थी। वंहा दर्शको की मांग पर इस नाटक के लगातार मंचन किये गए उसके बाद सन 2015 में राजस्थान विश्वविद्यालय के नाट्î विभाग के छात्रों के साथ फिर से किया गया। जंहा से इस नाटक को यूरोप के एक प्रतिष्ठित नाट्य महोत्सव, प्रोजेक्ट इस्ट्रोपोलिटाना, स्लोवाकिया की राजधानी ब्राटिस्लावा में मंचन के लिए आमंत्रित किया गया जंहा 13 जून 2016 को इसका मंचन किया गया जिस को वहाँ मौजूद प्रेक्षको ने बहुत पसंद किया । अभी तक इस नाटक को एक दर्जन से अधिक बार मंचित किया जा चुका है ।

 नाटक में मंच पर राजा महेन्द्र सिंह - शेखर शेष, विरमदेव - कपिल शर्मा, आरिफबेग - भव्य शर्मा, रत्ना - प्रियांशी, मीरा - यशवी, कविता - अनुश्री, उदयराज- अर्जुन दवे, शिवराज- सावन कुमार, रामदेव- चन्द्र प्रताप, ईन्द्रजीत- धर्मेन्द्र भारती, जयमल- माधो शर्मा, नर्तकी - वैष्णवी, हर्षिता, सितारा- सुमित शर्मा, जल्लाद- अमित पारिख, हरकारा- विजय भारत, सैनिक- मोहित मेहता ने अपने अभिनय से दर्शको को अभिभूत किया। नाटक में ध्वनि पर शिव सिंह पालवत, प्रकाश एवं तकनिकी निर्देशक -डॉ. घनश्याम बेनीवाल न किया।उन्होने बताया कि समारोह में अंतिम दिन समापन अवसर पर दिनांक 01 मार्च को हमारी उर्दू मोहब्बत, दिल्ली के दल द्धारा रिनि सिंह द्धारा निर्देशित नाटक ‘‘ पीर पराई जाने रे का मंचन सायं 07 बजे से किया जाएगा। जिसमे दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है।


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