नयी दिल्ली । छह महीने पहले तक किसी ने भी नहीं, यहां तक कि प्रांस के मशहूर एस्ट्रोलाजर नास्त्रेदमस ने भी यह भविष्यवाणी नहीं की थी कि हमारी जिदगी का फलसफा पूरी तरह बदल जाएगा और हर किसी के लिए हर चीज उलटी हो जाएगी। कोविड-19 के कारण समाज पर हर तरफ नकारात्मक असर पड़ा। चाहे वित्तीय हो या फिर मानसिक या फिर सामाजिक, हर तरह अप्रत्याशित और अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिला। कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया के हर एक शख्स की जिदगी को किसी ना किसी रूप में प्रभावित किया।
मार्च में जब पूरे देश में लाकडाउन लागू किया गया, तब से लेकर आज तक तकरीबन 14 करोड़ कामगारों को रोजगार से हाथ गंवाना पड़ा। इनमें से 75 फीसदी छोटे और मझोले स्तर के रोजगारों में शामिल लोग थे। इससे देश में एक अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हुईं और अगर यही हालात रहा तो देश को इससे भी बुरी स्थिति देखने को मिल सकती है।