अब जिले के पशुपालकों को भी पशुपालन, मत्स्य व्यवसाय के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर अल्पकालीन ऋण की सुविधा प्रदान की जाएगी। अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन वासुदेव मालावत की अध्यक्षता में टैगोर सभागार में आयोजित बैठक मेेें किसानों व पशुपालकों व मत्स्य व्यवसाय के लिए क्रियाशील पूंजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण उपलब्ध कराने हेतु मापदण्डों का निर्धारण किया गया। उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी योजना से पशुपालन एवं मत्स्य पालन करने वाले किसानों को बडी राहत मिलेगी। आर्थिक रूप से सुढृढ होने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यवसायिक रूप से मार्गदर्शन भी मिलेगा। इस योजना की क्रियान्वयन में सभी विभाग संकल्पित होकर पात्र किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर अपनी भागीदारी निभाये।
कोटा संेट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक बलविंदर सिंह गिल ने बताया कि भारत सरकार की बजट घोषणा की पालना में किसान, व्यक्ति व समूह, साझेदार, बटायदार एवं स्वयं सहायता समूह को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालक, मत्स्य पालन, डेयरी एवं मुर्गी पालन के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसानों को कृषि के साथ अन्य गतिविधियों में भी व्यवसाय कर आजीविका बढाने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि बैठक में जिला स्तरीय समिति के सदस्य नाबार्ड महाप्रबंधक राजीव दायमा, लीड बैंक अधिकारी केसी कुम्पावत, ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके शर्मा, पशुपालन विभाग के मनोज भारती सहित कृषि अधिकारियों एवं बैंकर्स ने भाग लिया।