GMCH STORIES

घर-घर में संस्कार बनेगा,नेत्रदान अंगदान

( Read 22026 Times)

08 Sep 19
Share |
Print This Page
घर-घर में संस्कार बनेगा,नेत्रदान अंगदान

शाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा सम्पूर्ण कोटा संभाग में मनाये जा रहे, 34 वें राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़े कार्यक्रम के अंतर्गत कल अग्रवालों का नोहरा, बूँदी के तिलक विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक के 200 बच्चों के बीच नेत्रदान के विषय पर विस्तार से चर्चा की गयी । 

 

संस्था सदस्यों ने छात्रों को बताया गया कि,जिस तरह से आप अपने पुराने कपड़ों,किताबों और खेल खिलौनों को काम के न रहने के बाद भी उनको कभी न तो जलाते है,और न ही कभी उनको कचरे में फ़ेंकते है, और न ही गड्ढा खोद कर जमीं में दफन करते है ।  

 

बच्चों ने पहली बार यह जाना कि, ब्रेन डेड की अवस्था वाली मृत्यु के बाद भी उनके कई अंग जैसे नेत्र, लिवर, दिल, फेफड़े, अग्नाशय, किडनी बहुत अच्छे से किसी जरूरतमंद का जीवन बचा सकती है । साधारण मृत्यु में आँखों व त्वचा का दान मृत्यु के बाद 6 से 8 घन्टे के दौरान संभव है ।  

 

बच्चों को समझाया गया कि,माना कि वह अभी छोटे है पर नेत्रदान की जागरूकता को घर घर पहुँचाने के लिये तो वह हमेशा तैयार है । बच्चों ने यह भी विश्वास दिलाया कि कभी उनके मौहल्ले में,परिवार में या क़रीबी रिश्तेदारों में कहीं कोई मृत्यु होती है,तो भी वह शाइन इंडिया फाउंडेशन को नेत्रदान का कार्य सम्पन्न करवाने में एक बार जरूर संपर्क करेंगे ।

 

शाइन इंडिया फाउंडेशन की बूँदी शाखा के प्रतिनिधि इदरीस बोहरा ने भी नैत्रदान-अंगदान से सम्बंधित बच्चों द्वारा पूछी गयी, भ्रान्तियों का जवाब दिया । जागरूकता कार्यक्रम के उपरांत बच्चों से नेत्रदान के विषय पर सवाल पूछे गये,विजेताओं को जावेद जी द्वारा शाइन मेडल पहनाकर पुरुस्कृत किया गया । 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like