जीवोत्थान पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित) {#यह सेवा जिन सज्जनों के लिए काम आ सके तदर्थ है।ज्योतिर्विद- सुविज्ञों के लिए आवश्यक नहीं# }
(महर्षि यादवेन्द्र शिक्षाचार्य , Rtd RES, भाषात्रयी आशुसाहित्यकार)
Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman
दिनांके -(आँग्ल) 21/10/2021,गुरुवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक29 /07/1943
29आश्विन मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
03/07
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
01/08/2078
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि)
प्रथम, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
तिथि प्रथम22:15:23
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र अश्विनी16:15:57
योग वज्र20:58:47
करण बालव09:17:18
करण कौलव22:15:23
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)कार्तिक
चन्द्र राशि मेष
सूर्य राशि तुला
सूर्योदय06:38:01
सूर्यास्त18:03:25
दिन काल11:25:24
रात्री काल12:35:06
चंद्रोदय18:40:33
चंद्रास्त31:14:20*
सूर्योदयलग्न तुला3°42'
,'सूर्य नक्षत्र चित्रा
चन्द्र नक्षत्र अश्विनी
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण3 चो अश्विनी09:39:49
4 ला अश्विनी16:15:57
1 ली भरणी22:53:33
2 लू भरणी29:32:35*
मुहूर्त
राहु काल13:46 - 15:12अशुभ
यम घंटा06:38 - 08:04अशुभ
अभिजित्11:58 -12:44शुभ
दूर मुहूर्त10:26 - 11:12अशुभ
दूर मुहूर्त15:01 - 15:46अशुभ
गंड मूल06:38 - 16:16अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ06:38 - 08:04शुभ
रोग08:04 - 09:29अशुभ
उद्वेग09:29 - 10:55अशुभ
चर10:55 - 12:21शुभ
लाभ12:21 - 13:46शुभ
अमृत13:46 - 15:12शुभ
काल15:12 - 16:38अशुभ
शुभ16:38 - 18:03शुभ
चोघडिया, रात
अमृत18:03 - 19:38शुभ
चर19:38 - 21:12शुभ
रोग21:12 - 22:47अशुभ
काल22:47 - 24:21*अशुभ
लाभ24:21* - 25:55*शुभ
उद्वेग25:55* - 27:30*अशुभ
शुभ27:30* - 29:04*शुभ
अमृत29:04* - 30:39*शुभ
होरा, दिन
बृहस्पति06:38 - 07:35
मंगल07:35 - 08:32
सूर्य08:32 - 09:29
शुक्र09:29 - 10:26
बुध10:26 - 11:24
चन्द्र11:24 - 12:21
शनि12:21 - 13:18
बृहस्पति13:18 - 14:15
मंगल14:15 - 15:12
सूर्य15:12 - 16:09
शुक्र16:09 - 17:06
बुध17:06 - 18:03
होरा, रात
चन्द्र18:03 - 19:06
शनि19:06 - 20:09
बृहस्पति20:09 - 21:12
मंगल21:12 - 22:15
सूर्य22:15 - 23:18
शुक्र23:18 - 24:21*
बुध24:21* - 25:24*
चन्द्र25:24* - 26:27*
शनि26:27* - 27:30*
बृहस्पति27:30* - 28:33*
मंगल28:33* - 29:36*
सूर्य29:36* - 30:39*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)
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विशेष विवेचन - आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध - तुला में मंगल ।इष्टि। भूतल नीचे के भूभागांग अग्नि
दिशाएँ प्रभावित। भूचल हलचल।कृषक भूमि पूजा। अप्रियता। टूट फूट सामान्यतः। निर्धारित कार्यावरोध। अनावश्यक पुनरावृत्ति। जनहित योजना । शिक्षा-तकनीकी एवं विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में नव चिंतन । ग्राफिक्स नीचे प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त समाप्तिकाल है।
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
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जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य) (एकन्दर राशि फल बोध
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मेष वृश्चिक तुला कुंभ राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित ,वृष कन्या मकर के लिए अड़चन फलद समय तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान
मेष - उलझन 65 %
वृष. - अवरोध 59 %
मिथुन - अनुकूलता 58 %
कर्क. -सुधार 61 %
सिंह. -अच्छा 63 %
कन्या. - परेशानी 67 %
तुला. मिश्रित 58 %
वृश्चिक. मिश्रित 58 %
धन. - अच्छा 63 %
मकर. - अवरोध 59 %
कुंभ. - ठीक ठाक 59 %
मीन. - सुधार 61 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतःठीक
फलद है।
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर उत्तरार्द्ध )
मेष - - अनुकूलता
वृष - - - -अच्छा
मिथुन - - - - - - अनुकूलता
कर्क - - - - - उलझन
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - -सुधार
तुला - - - - परेशानी
वृश्चिक - - - - उलझन
धन - - - - - - - -लाभोदय
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - - सुधार
मीन - - - - - - परेशानी
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण परब्रह्म साथ।
स्वशुद्धभाव कर्मरत् हो ,तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख।
सुजन निभावे पात्रता,आप्राण विधि- प्रलेख।।)}
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का,
अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
"ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का,
'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।।
ॐमहर्षि - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर
################# शरदपौर्णमास्याञ्च श्रीवाल्मीकि- महोत्सवे ।
महर्षियादवेंद्रेण प्रार्थ्यते शुभकामना।