उदयपुर, गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के अस्थि रोग एवं स्पाइन सर्जन विषेशज्ञ डॉ हरप्रीत सिंह ने स्पाइन की सफल सर्जरी कर रोगी को कमर दर्द एवं चलने-फिरने में अक्षम जैसी परेषानियों से निजात दिला स्वस्थ किया। पूर्व में हो चुकी स्पाइन सर्जरी के कारण रोगी को यह सारी परेषानियों हो रही थी। गीतांजली हॉस्पिटल में परामर्ष एवं एमआरआई की जांच से पता चला कि स्पाइन की हड्डी मांसपेषियों के चिपक गई थी और कमर की नस को दबा रही थी। जिस कारण रोगी को चलने-फिरने में तकलीफ एवं कमर दर्द हो रहा था। लगभग ४ घंटें चले ऑपरेषन में स्पाइन की हड्डी को मांस पेषियों से दूर किया गया जिससे दबी हुई नस खुल गई। इससे स्पाइन की हड्डी को बचा लिया गया अन्यथा रोगी सारी जिंदगी बिस्तर बाध्य हो जाता। साथ ही स्पाइन की हड्डी का दुबारा ऑपरेषन काफी दुर्लभ एवं जटिल होता है। ऐसी सर्जरी के लिए विषेश प्रषिक्षण एवं अनुभवी स्पाइन सर्जन की आवष्यकता होती है जो गीतांजली हॉस्पिटल में मौजूद है। इस सर्जरी में स्पाइन सर्जन डॉ हरप्रीत के साथ एनेस्थेटिस्ट डॉ भगवंत व अस्थि रोग विभाग की टीम षामिल है।
डुंगरपुर निवासी, ४५ वर्शीय रोगी, नवीन पाटीदार ने बताया कि चार साल पहले कमर दर्द एवं चलने पर पैर सुन्न हो जाने के कारण उसने अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय में परामर्ष लिया था जहां उसे स्पाइन सर्जरी की सलाह दी गई। सर्जरी उपरान्त पिछले ६ महीने से उसे दुबारा कमर में दर्द एवं चलने-फिरने में परेषानी होने लगी और पिछले डेढ महीने से वह बिल्कुल बिस्तर बाध्य हो चुका था। विषेश प्रषिक्षण के अभाव के कारण रोगी को नर्व रुट इंजेक्षन दिए गए परंतु उससे दर्द में काई आराम न पडा। तत्पष्चात् गीतांजली हॉस्पिटल में डॉ हरप्रीत से परामर्ष के बाद दुबारा स्पाइन सर्जरी की गई।
रोगी अब स्वस्थ है और आराम से चल-फिर रहा है। रोगी का इलाज राजस्थान सरकार की भामाषाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःषुल्क हुआ।
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