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वेस्ट मैनेजमेन्ट आज का सबसे ज्वलन्त मुद्दा ः श्री रमेश कुमार सिंघवी

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15 Jan 20
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वेस्ट मैनेजमेन्ट आज का सबसे ज्वलन्त मुद्दा ः श्री रमेश कुमार सिंघवी

उदयपुर,  ”पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन क सम्बन्ध में अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण सरकार द्वारा औद्योगिक इकाईयों को प्रदूषण रहित उत्पादन करने के लिये पाबन्द करने हेतु सख्त कदम उठाये जा रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा औद्योगिक हानिकारक अपशिष्ट एवं ई-वेस्ट प्रबंधन सम्बन्धी जारी किये गये निर्देशों के प्रति उद्योगों में जागरूकता उत्पन्न की जानी चाहिये जिससे उद्योग इन आदेशों की समुचित अनुपालना कर सके।“

उपरोक्त विचार श्री रमेश कुमार सिंघवी ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा उदयपुर इण्डस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेन्ट एण्ड रिसर्च सेन्टर के संयुक्त तत्वावधान में तथा कारखाना एवं बॉयलर निरीक्षण विभाग व राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सहयोग से यूसीसीआई भवन के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में ”औद्योगिक हानिकारक अपशिष्ट एवं ई-वेस्ट प्रबन्धन“ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कारखाना एवं बॉयलर निरीक्षण विभाग के मुख्य निरीक्षक श्री मुकेश जैन एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, उदयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी श्री बी.आर. पंवार कार्यशाला में मुख्य अतिथि थे। संयुक्त श्रम आयुक्त श्री पी.पी. शर्मा तथा हिन्दुस्तान जिंक के डिप्टी सीईओ श्री अरूण मिश्रा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष श्री रमेश कुमार सिंघवी ने अतिथियों, विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। श्री सिंघवी ने यूसीसीआई की गुडली स्थित हानिकारक अपशिष्ट प्रबन्धन सुविधा राजस्थान वेस्ट मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट के बारे में प्रतिभागियों को संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने उदयपुर इण्डस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेन्ट एण्ड रिसर्च सेन्टर ट्रस्ट की गतिविधियों के सम्बन्ध में भी जानकारी दी।

श्री रमेश सिंघवी ने कहा कि इण्डस्ट्री की ग्रोथ से ही देश की आर्थिक प्रगति सम्भव है। औद्योगिक उत्पादन के साथ कुछ प्रदूषण होना लाजमी है किन्तु प्रदूषण नियंत्रण के उपाय अपनाकर इसे कम किया जा सकता है।

कार्यक्रम में राज्य सरकार के फैक्ट्रीज एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग, श्रम नियोजन एवं कौशल उन्नयन विभाग के सचिव आई.ए.एस. अधिकारी श्री नवीन जैन का विडियो संदेश प्रसारित किया गया जिसमें श्री नवीन जैन द्वारा चुनाव ड्यूटी के कारण कार्यक्रम में उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त करते हुए कार्यशाला के विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिन्दुस्तान जिंक के डिप्टी सीईओ श्री अरूण मिश्रा ने कहा कि एनजीटी एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के नियमों तथा उद्योगों द्वारा वेस्ट निस्तारण की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिये सरकार एवं उद्योगों को मिलकर प्रयास करने होंगे क्योंकि पर्यावरण का संरक्षण सभी की जिम्मेदारी है।

कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग के उप-मुख्य निरीक्षक श्री डी.एल. डामोर ने विषय विशेषज्ञों का परिचय प्रस्तुत किया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

कार्यशाला के तकनिकी सत्र में राजस्थान वेस्ट मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट के साईट इनचार्ज श्री ओंकारनाथ महापात्र ने हानिकारक अपशिष्ट प्रबन्धन की प्रक्रिया एवं तकनिक के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, उदयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. बी.आर. पंवार ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता एवं हमारा दायित्व विषय पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मात्र हानिकारक अपशिष्ट नियमों की अनुपालना के उद्देश्य से ही नहीं अपितु स्वयं के जीवन लिये तथा आगे आने वाली पीढियों के लिये पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। डॉ. पंवार ने ग्रीन हाउस गैसों के कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि तथा जलवायु परिवर्तन के कारण पेड-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के अस्तित्व पर मण्डराते खतरे को विस्तार से समझाया। प्रकृति एवं पर्यावरण में बढते प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु डॉ. पंवार ने पौधारोपण को बढावा दिये जाने पर बल दिया।

उदयपुर इण्डस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेन्ट एण्ड रिसर्च सेन्टर के सदस्य सचिव श्री सी.एस.आर. मेहता ने हानिकारक अपशिष्ट प्रबन्धन में उद्योगों की भूमिका के विषय में जानकारी दी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संयुक्त श्रम आयुक्त श्री पी.पी. शर्मा ने हानिकारक अपशिष्ट के प्रबन्धन में श्रम सम्बन्धी नियमों की अनुपालना के विषय में जानकारी देते हुए इस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार किये जाने का आव्हान किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कारखाना एवं बॉयलर निरीक्षण विभाग राजस्थान के मुख्य निरीक्षक श्री मुकेश जैन ने हानिकारक अपशिष्ट एवं ई-वेस्ट प्रबन्धन सम्बन्धी नियमों की अनुपालना में फैक्ट्रीज एवं बॉयलर्स विभाग का दायित्व विषय पर पावर पॉईन्ट प्रेजेनटेशन के माध्यम से कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी।

कार्यशाला के द्वितीय सत्र में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, उदयपुर के सहायक अभियन्ता श्री अनुराग यादव ने हानिकारक अपशिष्ट एवं ई-वेस्ट के प्रबन्धन के वैधानिक पहलुओं एवं नियमों की अनुपालना के सम्बन्ध में जानकारी दी।

कारखाना एवं बॉयलर निरीक्षण विभाग राजस्थान के उप मुख्य निरीक्षक श्री हरीशंकर ने अपशिष्ट प्रबन्धन में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से सम्बन्धित वैधानिक एवं तकनिकी पहलुओं पर जानकारी दी।

कार्यशाला के दौरान कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग द्वारा एक स्वास्थ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें डॉ. संजय राणा ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की।

कार्यशाला का संचालन मानद महासचिव श्री प्रतीक हिंगड ने किया।

प्रश्नकाल के दौरान प्रतिभागियों की शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का विषय विशेषज्ञों द्वारा समाधान किया गया।

कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से औद्योगिक हानिकारक अपशिष्ट एवं ई-वेस्ट उत्सर्जित करने वाली औद्योगिक इकाईयों के लगभग २७५ से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यशाला के अन्त में यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हेमन्त जैन ने समापन टिप्पणी के साथ सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।


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