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वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढायी

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24 Mar 20
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वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढायी

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते वित्तमंत्री सीतारामन ने आज नागरिकों और व्यापार जगत को राहत देने वाले कई उपायों की घोषणा की, जिनमें नियमों का पालन करने और नियामक मापदंडों में ढील दी गई है। नई दिल्ली में आज मीडिया से बातचीत में वित्तमंत्री ने घोषणी की कि वित्तवर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तिथि आगे बढ़ाकर तीस जून कर दी गई है। उन्होंने कहा आयकर देने में देरी पर लगने वाला ब्याज दर 12 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा टीडीएस जमा करने में देरी पर नौ प्रतिशत ब्याज दर लगेगा। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि पैन कार्ड और आधार कार्ड को जोड़ने और विवाद से विश्वास योजना की अवधि भी तीस जून तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं उन्हें अतिरिक्त दस प्रतिशत अब नहीं देना पड़ेगा।

 

वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए जीएसटी और कौम्पोजिशन रिटर्न भरने की अंतिम तिथि भी जून तक बढ़ा दी गई है। सरकार ने फैसला लिया है कि पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों पर कोई ब्याज, जुर्माना या विलम्ब शुल्क नहीं लगाये जायेंगे। पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों पर नौ प्रतिशत ब्याज दर लागू होगा, हालांकि इन पर विलम्ब शुल्क और जुर्माना नहीं लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों से संबंधित मतभेदों का हल निकालने के लिए शुरु की गई सबका साथ सबका विश्वास योजना भी जून तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि कस्टम क्लेयरेंस हर दिन 24 घंटे खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहली अप्रैल से तीस सितम्बर तक की अवधि के दौरान फाइल करने में विलम्ब करने वालों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनियों के बोर्ड की बैठक आयोजित करने की अनिवार्य शर्त की अवधि भी 60 दिन आगे कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कर्ज वापिस करने में नाकामी यानि डीफॉल्ट के लिए निर्धारित न्यूनतम राशि मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर देने का सरकार ने फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों के खिलाफ दिवालियापन से जुड़ी कार्यवाही में राहत मिलेगी।

 

लोगों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि अगले तीन महीनों के दौरान लोग बिना शुल्क दिये किसी भी बैंक की किसी भी शाखा से अपने डेबिट कार्ड के द्वारा पैसा निकाल सकते हैं। सरकार ने न्यूनतम बकाया अनिवार्य राशि को भी रद्द कर दिया है।


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