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भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बडी आर्थिक महाशक्ति ः श्री अनुराग ठाकुर

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21 Feb 20
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भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बडी आर्थिक महाशक्ति ः श्री अनुराग ठाकुर

उदयपुर,  ‘‘यह जरूरी नहीं कि हर ख्वाईश पूरी हो जाये, किन्तु जरूरी यह है कि देश की जनता की ख्वाईशों को पूरा करने की ईमानदारी से कोशश की जाये। अब देश में प्रगतिशील सरकार है एवं दृढ इच्छा शक्ति वाला नेतृत्व है तथा भारत को सुरक्षित, सुन्दर एवं स्वच्छ बनाने का लक्ष्य है। आम जनता के सहयोग से देश को 2024 तक 5 ट्रिलियन डालर की आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना अव८य पूरा होगा।’’उपरोक्त विचार श्री अनुराग ठाकुर ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा यूसीसीआई भवन के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में ‘‘केन्द्रीय बजट 2020-21’’ विषय पर परिचर्चात्मक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के वित्त राज्यमंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर थे।

कार्यक्रम के आरंभ में अध्यक्ष श्री रमेश कुमार सिंघवी ने यूसीसीआई गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण देते हुए बताया कि यूसीसीआई द्वारा उद्यमियों एवं व्यवसायियों को जीएसटी कर प्रणाली के विषय में मार्गदशर्न प्रदान करने के लिये जीएसटी सेल के माध्यम से विषय वि८ोषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराये जाने तथा यूसीसीआई वोकेशनल ट्रेनिंग सेन्टर में युवाओं को जीएसटी अकाउन्टेन्ट की ट्रेनिंग प्रदान कर रोजगार मुहैया कराये जाने की यूसीसीआई की महत्ती योजनाओं की जानकारी दी। श्री सिंघवी ने केन्द्रीय बजट 2020-21 को मध्यम वर्ग के लिये अच्छा बजट बताया एवं भारत की अर्थव्यवस्था के निकट भवि६य में और सुदृढ होने की आशा व्यक्त की। उन्होंने सरकार द्वारा उद्यमों को प्रोत्साहन देने के प्रयासों की सराहना भी की। साथ ही विभागों द्वारा बजट में प्रस्तावित नीतिगत सुधारों की सही पालना पर जोर दिया।

अपने सम्बोधन में अध्यक्ष श्री रमेश कुमार सिंघवी ने दक्षिणी राजस्थान में औद्योगिक एवं आर्थिक विकास के सम्बन्ध में यूसीसीआई की ओर से निम्नानुसार सुझाव प्रस्तुत किये ः

एमएसएमई के लिये एमनेस्टी स्कीम जारी की जाये।

नये उद्यम लगाने के लिये पूंजी जुटाने में आने वाली समस्याएं जिनमें कि ऋण योजनाओं के लिये औद्योगिक भूमि मुहैया कराना एवं एमएसएमई सब्सिउी स्कीमों में लगने वाले समय एवं स्कीम की जटिलताएं प्रमुख हैं । इन समसयाओं को दूर करने के लिये उदयपुर सम्भाग में स्पेशल इकोनॉमिक जोन की स्थापना किये जाने हेतु सरकार की ओर से पहल की जाये।

इस क्षेत्र् के उद्योग एवं व्यवसाय को प्रोत्साहन हेतु बेहतर कनेक्टीविटी एवं टेक्नोलॉजी की सुविधा मुहैया करवाने हेतु प्रोत्साहन दिया जावे।

यूसीसीआई जैसे उद्योग एवं व्यवसाय की एसोसिएशन को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाये।

कार्यक्रम में शहर के गणमान्य उद्यमियों एवं सरकारी विभागों के अधिकारियों के अलावा यूसीसीआई के पूर्वाध्यक्ष श्री कोमल कोठारी, श्री पी.एस. तलेसरा, श्री एम.एल. लूणावत, श्री वी.पी. राठी, श्री सी.पी. तलेसरा, श्री बी.एच. बापना आदि ने भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान संरक्षक श्री अरविन्द सिंघल एवं कार्यकारिणी सलाहकार श्री निर्मल कुमार सिंघवी माननीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर को यूसीसीआई एवं सम्बद्ध एसोसिएशनों की ओर से ज्ञापन सौंपा ।

इस अवसर पर माननीय श्री अनुराग ठाकुर को यूसीसीआई की ओर से आर्थिक एवं औद्योगिक विकास से सम्बन्धित सुझावों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

परिचर्चात्मक बैठक में बडी संख्या में उपस्थित उद्यमियों एवं व्यवसायियों को सम्बोधित करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने केन्द्रीय बजट 2020-21 की वि८ोषताओं पर प्रकाश डालते हुए देश के आर्थिक विकास का खाका पेश किया। श्री अनुराग ठाकुर ने अपने सम्बोधन में केन्द्र सरकार की प्रगतिशील एवं विकासवादी सोच को रेखांकित करते हुए निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रकाश डाला ः

लोकसभा के चुनाव के उपरान्त बहुत कम समय में उद्यमियों एवं व्यापारियों के सुझाव लेकर देश का बजट पेश किया गया।

बजट जारी होने के बाद भी सरकार द्वारा इसके बारे में उद्यमियों एवं व्यापारियों के सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का बीएस - 4 मानक के वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय आने के उपरान्त सरकार द्वारा ऑटोमोबाईल इण्डस्ट्री को संरक्षण देने हेतु देश में 387 स्थानों पर लोन मेला आयोजित कर बीएस - 4 मानक के वाहनों का विक्रय किया गया। इन लोन मेलों के माध्यम से ढाई लाख करोड रूपये की राश के ऋण का वितरण किया गया।

रीयल एसटेट बिजनेस को बढावा देने के लिये सवा लाख करोड का फण्ड जारी किया गया है।

एमएसएमई सेक्टर को बढावा देने हेतु सिडबी एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से सरल शर्तों पर ऋण का वितरण किया जा रहा है जिसकी मासिक आधार पर मॉनिटरिंग की जा रही है।

5 लाख तक की आय पर शून्य आयकर की व्यवस्था की गई है।

उद्योगों को रियायत देते हुए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को कम किया गया एवं एन्जल टैक्स को खतम किया गया।

स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने से भारत आज दुनिया के पहले तीन स्टार्ट-अप रा६ट्रों में खडा है।

नये उद्योगों हेतु केवल 15 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स की दर तय की गई है।

बैंकों को बुरी स्थिति से निकालने हेतु एन.पी.ए. रोकने के सख्त उपाय लागू किये गये हैं। बैंकों से पैसा लेकर विदेश भागने वालों की सम्पत्ति कुर्क की गई है।

जिस प्रकार आम जनता की सरकार से अपेक्षाएं हैं उसी प्रकार देश की प्रगति के लिये सरकार की भी यह अपेक्षा है कि ईमानदारी से टैक्स अदा किया जाये।

आर्थिक धोखागडी एवं टैक्स चोरी रोकने के लिये सरकार को सख्त कदम उठाने पड रहे हैं जिससे ईमानदार करदाताओं के साथ नाइन्साफी ना हो।

मोदी सरकार के लिये उद्योग और व्यवसाय सर्वोच्च प्राथमिकता हैं तथा उन्हें यह निर्देश है कि व्यापारी वर्ग की समस्याएं कम की जावें किन्तु कुछ भ्र६ट व्यक्तियों के कारण सम्पूर्ण व्यावसायिक वर्ग परेशानी उठाता है। दोषयों को सजा मिलनी चाहिये जिससे कि ईमानदार व्यवसायी के साथ न्याय हो सके।

सरकार की पहल से 14 हजार कराधान सम्बन्धी मुकदमें समाप्त हुए।

पुराने मुकदमें खतम कर नई शुरुआत करने हेतु सरकार द्वारा आयकर समबन्धी एमनेस्टी स्कीम जारी की जायेगी।

केन्द्र सरकार को उद्योग और व्यवसाय को बढावा देने हेतु क्या बदलाव करने चाहिये, वित्त मंत्रलय को लिखित में भिजवावें।

आम व्यापारी को जीएसटी एवं आयकर रिटर्न फाईलिंग में क्या दिक्कतें पेश आ रही हैं एवं उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है, यह भी लिखित में भिजवावें।

जीएसटी केवल केन्द्र सरकार का विषय नहीं है। जीएसटी काउन्सिल की बैठक में सभी राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहते हैं।

वर्तमान में जीएसटी में केन्द्र की भूमिका कम एवं राज्यों की भूमिका ज्यादा है। अतः जीएसटी सम्बन्धी सुझाव राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के समक्ष भी प्रस्तुत करें।

बैठक में चेम्बर ऑफ कॉमर्स (उदयपुर डिवीजन) के अध्यक्ष श्री पारस सिंधवी ने भी व्यापारिक प्रति६ठानों की ओर से समस्याएं रखी।

खुली परिचर्चा के दौरान श्री निर्मल सिंघवी, श्री हेमन्त जैन, श्री मनीष गलूण्डिया, श्री प्रतीक हिंगड, श्री राकेश माहेशवरी, श्री राजकुमार चण्डालिया, श्री अरविन्द मेहता, श्री अंशुल मोगरा, श्री विजय गोधा, श्री बनाराम चौधरी, श्री पवन तलेसरा, श्रीमति रीना राठौड, श्री गौरव माथुर, श्री के.जी. गुप्ता आदि सदस्यों ने सुझाव एवं समस्याएं रखीं।

उदयपुर के मुख्य आयुक्त श्री आशीष वर्मा ने अपनी ओर से आयकर सम्बन्धी समस्याओं को सुलझाने की आयकर विभाग उदयपुर के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। आयकर विभाग की श्रीमति अलका जैन, आयकर आयुक्त ने कार्यक्रम का संचालन किया।

बैठक में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य श्री प्रभाष शंकर, आयकर विभाग, जयपुर की प्रधान मुख्य आयुक्त श्रीमति नीना निगम, आयकर विभाग,, सीजीएसटी एवं केन्द्रीय उत्पाद विभाग के प्रधान मुख्य आयुक्त श्री राकेश कुमार शर्मा, अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क के सदस्य श्री जॉन जोसफ ने भी परिचर्चा के दौरान अपने विचार रख।

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